नई दिल्ली: लोकसभा अध्यक्ष पद को लेकर एनडीए और विपक्षी गठबंधन के बीच सहमति नहीं बनी है। जिसके चलते एनडीए की ओर से ओम बिरला और विपक्ष की ओर से के. सुरेश को स्पीकर पद का प्रत्याशी बनाया गया है। दोनों उम्मीदवारों के बीच सीधा मुकाबला होगा। इसको लेकर आज बुधवार 26 जून को वोटिंग होनी है। एनडीए के पास जहां 293 सीटें हैं, वहीं विपक्षी गठबंधन के कुल 234 सांसद हैं। अब ऐसे में एनडीए प्रत्याशी ओम बिरला की जीत तय मानी जा रह है।
एक ओर जहां एनडीए एकजुट है। वहीं, विपक्षी गठबंधन में फूट नजर आने लगी है। कांग्रेस की ओर से के.सुरेश को लोकसभा अध्यक्ष पद का प्रत्याशी बनाया गया तो टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी नाराज हो गईं। नाराजगी के चलते टीएमसी सांसदों ने के.सुरेश के नामांकन के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर तक नहीं किए। कहा जा रहा कि कांग्रेस ने लोकसभा अध्यक्ष प्रत्याशी उतारने से पहले ममता बनर्जी की राय नहीं ली। जबकि उनकी पार्टी लोकसभा में चौथी सबसे बड़ी पार्टी है।
यह भी पढ़ें: के. सुरेश की लोकसभा अध्यक्ष उम्मीदवारी पर TMC को ऐतराज, सांसदों ने प्रस्ताव पर नहीं किए साइन, जानिए वजह!
हालांकि कहा जा रहा है कि ममता बनर्जी को मनाने की कोशिशें की जा रही हैं। राहुल गांधी ने भी टीएमसी प्रमुख से बात की है। लेकिन, अगर वह नहीं मानती हैं तो के.सुरेश को 205 वोट ही मिलेंगे। क्योंकि TMC के पास 29 सांसद हैं। वहीं, दूसरी ओर कहा जा रहा है कि जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के चार सांसद भी एनडीए प्रत्याशी ओम बिरला को समर्थन दे सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो ओम बिरला को 297 वोट मिलने की उम्मीद है। हालांकि, कहा तो यह भी जा रहा है कि भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए को कुछ निर्दलीय प्रत्याशियों का भी सहयोग मिल सकता है।