नई दिल्ली: 25 जून 1975 की आधी रात इंदिरा गांधी सरकार ने देश में आपातकाल लागू किया था। यह दिन लोकतांत्रिक भारत के इतिहास में एक काले दिन के तौर पर याद किया जाता है। इंदिरा गांधी सरकार की सिफारिश पर राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने, संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत 25 जून 1975 की आधी रात देश में आपालकाल लागू कर दिया। लेकिन इसकी जानकारी 26 जून की सुबह रेडिया के माध्यम से देशवासियों को दी गई। इमरजेंसी लागू होते ही विपक्ष के तमाम नेताओं को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया। देश भर में आपातकाल का दौर 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक चलता रहा।
इंदिरा गांधी ने क्यों लगाई इमरजेंसी?
दरअलस, 12 जून 1975 को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक मामले में सुनवाई करते हुए, इंदिरा गांधी की रायबरेली से लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी। हाई कोर्ट ने यह माना की चुनाव में धांधली हुई है। हाई कोर्ट के बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा, तो शीर्ष अदालत ने भी इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा। कोर्ट ने इंदिरा गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द करने के साथ-साथ, चुनाव लड़ने पर 6 साल का प्रतिबंध भी लगा दिया।
जिसके बाद देश भर में विपक्षी नेताओं ने इंदिरा गांधी के इस्तीफे की मांग को लेकर प्रदर्शन प्रारंभ कर दिया। जगह-जगह अपने खिलाफ होते आंदोलनों को देख, उस समय की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने यह करते हुए आपातकाल लागू कर दिया कि देश में अशांति और आंतरिक अस्थिरता बनी हुई है। आपातकाल लागू होते ही देश में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया। लोगों के मौलिक अधिकारों को सीमित कर दिया गया। राजनीति के जानकारों का कहना है कि आपातकाल लागू करने के पीछे की मंशा यह थी कि इंदिरा गांधी बिना विधायी और न्यायिक हस्तक्षेप के सरकार चला सकें।
आपातकाल लागू होने पर लगे कड़े प्रतिबंध
आपातकाल लागू होते ही देश भर के विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारियां होने लगीं। कई बड़े नेताओं को जेल में डाल दिया गया। लोगों के मौलिक अधिकारों को सीमित कर दिया गया, मीडिया की स्वतंत्रता पर पाबंदियां लगा दी गईं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सहित लगभग 24 संगठनों को प्रतिबंधित कर दिया गया। जनसंख्या नियंत्रण के नाम पर लोगों की जबरन नसबंदी कराई गई। कई इतिहासकारों का कहना है कि इंदिरा गांधी ने विरोधियों की आवाज को दबाने के लिए इमरजेंसी लागू की थी। यह घटना लोकतंत्र के इतिहास में एक काला अध्याय है।
आपातकाल के बाद चुनाव हार गईं इंदिरा गांधी
25 जून 1975 में लगा आपातकाल लगभग दो साल बाद 21 मार्च 1977 में खत्म हुआ। लेकिन, इस अवधि के दौरान सभी विपक्षी दल कांग्रेस के खिलाफ एकजुट हो चुके थे। सभी दलों ने मिलकर जनता पार्टी के नाम से एक नए राजनीतिक संगठन का गठन किया। 1977 में देश में आम चुनाव हुए, जिसमें कांग्रेस पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। जनता के बीच कांग्रेस के प्रति इतनी नाराजगी थी कि इंदिरा गांधी स्वयं रायबरेली से चुनाव हार गईं। आजादी के 30 वर्षों बाद पहली बार देश में गैर कांग्रेसी दल की सरकार बनी। मोरारजी देसाई को देश का प्रधानमंत्री बनाया गया। हालांकि, जनता पार्टी की सरकार अधिक दिनों तक नहीं चल पाई।