अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस:- प्रत्येक वर्ष 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। जो संसार के उत्तरी गोलार्ध में वर्ष का सबसे लम्बा दिन होता है। संयुक्त राष्ट्र ने 11 दिसम्बर 2014 को इसे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने की मंजूरी दी। जिसे 177 सदस्य देशों ने समर्थन दिया। इस प्रस्ताव को भारत ने पेश किया और उसे संयुक्त राष्ट्र संघ में 90 दिन के अंदर पूर्ण बहुमत से मंजूरी मिली। जो किसी भी प्रस्ताव को इस संघ में स्वीकृति के लिए सबसे कम समय है। योग एक ऐसी अनमोल धरोहर है जिसे भारतीय संस्कृति ने अनगिनत वर्षों से जीवित रखा है। यह सिर्फ शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ाने का साधन नहीं है, बल्कि इसके माध्यम से हम अपने आत्मा के संयम और शांति को भी प्राप्त कर सकते हैं।
आज के समय में योग विश्व भर में प्रसिद्ध हो रहा है। इस आंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर, विभिन्न देशों में विशेष योग शिविर और कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। जिसके माध्यम से लोगों को योग के बारे में जागरूक किया जाता है। साथ ही उन्हें इस प्राचीन और उपयुक्त प्रक्रिया को अपनाने के लिए प्रेरित किया जाता है। बता दें कि वास्तविकता में योग एक अनुभव है। यह अनुभव शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्तर पर एकीकृति को प्राप्त करने का माध्यम है। योग की शुरुआत और विकास का प्रारंभ वैदिक काल में हुआ। उस समय ऋषियों ने अपनी विचारशीलता और अध्यात्म के बल पर योग के विभिन्न आयामों को खोजा और प्रदर्शित किया। इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने योग को एक प्राचीन और शक्तिशाली साधना के रूप में स्थापित किया।
जो शरीर, मन और आत्मा को एक निरंतर प्रक्रिया के माध्यम से संतुलित करने की शिक्षा देता है। योग के प्रमुख शाखाएँ और आसन जिनमें प्राणायाम, आसन, ध्यान और प्रत्याहार भारतीय योग दर्शन के अभिन्न अंग हैं। योग द्वारा हम शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक स्थिति और आध्यात्मिक संवेदना को संतुलित रख सकते हैं। आजकल, योग को एक प्रमुख और प्रभावशाली स्वास्थ्य और विश्वासी तरीके से उपचार के रूप में स्वीकार किया जा रहा है। जिससे मानसिक तनाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है। भारतीय संस्कृति में योग का एक महत्वपूर्ण स्थान है। यहां योग को एक विशेष धार्मिक और दार्शनिक संस्कृति का हिस्सा माना जाता है। जो सदियों से लोगों को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य के लिए निरंतर मार्गदर्शन कर रहा है।
भारतीय संस्कृति में योग का महत्वपूर्ण स्थान होने के नाते भारत ने योग को विश्व भर में प्रस्तुत करने के साथ इसे अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म के रूप में बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।