नई दिल्ली- ED ने यमुना प्राधिकरण के क्षेत्र में आने वाली सेक्टर-24 में स्थित मोबाइल का उत्पादन करने वाली VIVO कंपनी के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। VIVO की संपत्तियों की ED ने बिना अनुमति के बिक्री पर रोक लगा दी है। वहीं, ED ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के अंतर्गत चल रही जांच में यमुना प्राधिकरण से VIVO मोबाइल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की रिपोर्ट मांगी है। आरोप है कि वर्ष 2023 में VIVO कंपनी GST का पैसा चीन भेज रही थी। यमुना प्राधिकरण के CEO डॉ. अरुणवीर सिंह को ED के सहायक निदेशक अमित कुमार ने पत्र लिखा है।
इसमें VIVO की संपत्तियों की बिना अनुमति किसी भी तरह से बिक्री या हटाने पर रोक लगाने की बात कही है। साथ ही इसकी रिपोर्ट भी जल्द से जल्द भेजने के लिए कहा गया है। VIVO कंपनी के आवेदन से लेकर आवंटन और निर्माण तक की सम्पूर्ण जानकारी ED ने यमुना प्राधिकरण से मांगी है। इसमें रजिस्ट्री डीड, सेल डीड, लीज डीड, संपत्ति के मालिक का विवरण, लीज सबलीज समझौतों की प्रतियां, क्षेत्र का सर्किल रेट समेत इससे जुड़े सभी दस्तावेज उपल्बध कराने को कहा है। ED से पत्र मिलने के बाद यमुना प्राधिकरण सारे दस्तावेज जुटाने में लग गई है।
आर्थिक सुरक्षा पर सवाल-
पिछले महीने यमुना प्राधिकरण के क्षेत्र में आने वाली सेक्टर-24 में स्थित VIVO कंपनी ने अपना नया प्लांट शुरू किया है। प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि VIVO कंपनी देश में आयातित मोबाइल फोन पर लगने वाले उच्च शुल्क का सामना कर रही है। यह मामला चीन के निवेश के साथ देश की आर्थिक सुरक्षा से जुड़े होने की वजह से जांच एजेंसियां इस मुद्दे पर गंभीर हैं।
14 करोड़ फोन तैयार करने की योजना-
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2018 में यमुना प्राधिकरण ने VIVO कंपनी को 169 एकड़ भूमि आवंटित की थी। कंपनी दो चरणों में निर्माण कार्य पूरा करेगी। पहले चरण का निर्माण जो कि पूरा हो चुका है। सालाना 6 करोड़ स्मार्ट फोन तैयार करने की क्षमता से VIVO कंपनी काम कर रही है। वहीं दूसरे चरण का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद यहां प्रतिवर्ष साढ़े 14 करोड़ मोबाइल फोन तैयार होंगे। वर्तमान में यहां 800 कर्मचारी कार्यरत हैं।
यह भी पढ़ें:- इटली में पीएम मोदी ने मैक्रों, सुनक और जेलेंस्की से की द्विपक्षीय वार्ता, जानें क्या रहा खास मुद्दा