लखनऊ- उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के बस बेड़े में बहुत जल्द 5 हजार इलेक्ट्रिक बसों को शामिल किया जाएगा। जिससे प्रदेश के कई रूटों पर इलेक्ट्रिक बसें अपनी रफ्तार भरेगी। करीब 2500 किलोमीटर का रूट बनाकर पूरे उत्तर प्रदेश को इलेक्ट्रिक बसों से जोड़ा जाएगा। इन हाईटेक AC बसों से यात्रियों को आरामदायक सफर की सुविधा मिल सकेगी। साथ ही अयोध्या में राम मंदिर बनने के बाद उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर आने वाले रामभक्तों और टूरिस्ट्स को आवागमन में आसानी रहेगी। लखनऊ के सभी डिपो से बसों की संख्या और उनके रूट तैयार कर लिए गए हैं।
लखनऊ से AC लैस 930 से अधिक इलेक्ट्रिक बसें 95 से अधिक रूटों पर चलाई जाएगी। इससे हजारों की संख्या में यात्रियों को सुविधा मिलेगी। वहीं इन बसों का संचालन अनुबंध पर किया जाएगा। चुनाव की समाप्ति के साथ ही टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अगले सप्ताह टेंडर जारी किया जाएगा। परिवहन निगम ने प्रदेश के 2500 से अधिक रूटों पर 5000 इलेक्ट्रिक बसों को संचालित करने का बड़ा फैसला लिया है। अनुबंध के तहत इन बसों को बेड़े में शामिल किया जाएगा। अधिकारियों का दावा है कि देश के कई दिग्गज उद्योगपतियों ने इलेक्ट्रिक बसों के अनुबंध के तहत संचालन करने की पहल की है।
इसका बड़ा कारण यूपी में बढ़ रही पर्यटकों की संख्या है। जहां विशेषतौर पर राम मंदिर और काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की वजह से आने वाले पर्यटक उद्योगपतियों के लिए आकर्षण का केंद्र बनते जा रहे है। अधिकारी बताते हैं कि अनुबंध के तहत बस और उसकी चार्जिंग की सुविधा वाहन स्वामी को करनी होगी। डिपो और बस स्टेशनों पर बिजली का कनेक्शन परिवहन निगम द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। चार्जिंग का खर्च भी वाहन स्वामी को वहन करना होगा।
200 किलोमीटर के दायरे के तय हुए रूट-
आमतौर पर इलेक्ट्रिक बस एक बार चार्ज होने के बाद करीब 200 किमी तक संचालित होती है। परिवहन निगम के अधिकारियों ने प्रदेश के सभी शहरों को जोड़ते हुए इलेक्ट्रिक बसों के लिए अलग-अलग रूट तैयार किए हैं। जिससे एक बार चार्ज होने के बाद बस अपना पूरा सफर तय कर सके। यही वजह है कि रूटो की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रहा है।
इन रूटों का सम्पूर्ण ब्यौरा तैयार कर लिया गया है। परिवहन निगम के प्रवक्ता अजीत सिंह का कहना है कि सीएम योगी आदित्यनाथ और परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह के निर्देश पर इलेक्ट्रिक बसों की खरीद की तैयारी चल रही है। इलेक्ट्रिक बसों के आने से यात्रियों को काफी हद तक राहत मिलेगी। पर्यावरण के लिए ये बसें काफी हद तक सहायक होंगी।
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