नई दिल्ली- RBI के गर्वनर शक्तिकांत दास की तरफ से 3 दिन तक चली द्विमासिक मौद्रिक नीति समिति में लिए गए निर्णयों के बारे में जानकारी दी। RBI ने लगातार आठवीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया। नीतिगत दर को 6.5 प्रतिशत के स्तर पर कायम रखा। दास ने बताया कि MPC मीटिंग के दौरान रेपो रेट में किसी तरह का बदलाव न करने का फैसला किया गया। केंद्रीय बैंक की तरफ से आखिरी बार फरवरी, 2023 में रेपो रेट को बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत किया गया था।
RBI ने महंगाई दर के ऊंचे स्तर को लेकर जताई चिंता-
RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि ब्याज दर में किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया। रेपो रेट को पुराने ही स्तर 6.5% पर बरकरार रखा गया है। MPC के 6 में से 4 सदस्य दरों में बदलाव के पक्ष में नहीं रहे। उन्होंने कहा कि हम ‘ग्लोबल साउथ’ में रिजर्व बैंक को मॉडल केंद्रीय बैंक बनाने की दिशा में निरंतर काम कर रहे हैं। मुद्रास्फीति वृद्धि संतुलन अनुकूल रूप से आगे बढ़ रहा है। वहीं RBI ने खाद्य महंगाई दर के ऊंचे स्तर को लेकर चिंता जताई।
RBI की तरफ से लिए गए फैसले से आपके होम लोन की EMI पर किसी तरह का कोई असर नहीं पड़ेगा। अब आने वाले महीने में उतनी ही EMI देनी होगी, जितनी अभी आप दे रहे हैं। महंगाई दर को लेकर चिंता के बीच पहले ही यह उम्मीद जताई जा रही थी कि केंद्रीय बैंक इसमें किसी तरह का बदलाव नहीं करेगा। फरवरी, 2023 से रेपो रेट 6.5 प्रतिशत के स्तर पर ही बरकरार है। SBI रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार मई महीने में महंगाई दर 5 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है।
इसके आंकड़े जून के दूसरे हफ्ते में सामने आएंगे। इससे पहले अप्रैल में रिटेल महंगाई दर 4.83 प्रतिशत रही थी। केंद्रीय बैंक की ओर से प्रत्येक 6 बार मॉनेटरी पॉलिसी की मीटिंग होती है। वित्त वर्ष 2024-25 की यह दूसरी MPC की मीटिंग हुई। इस मीटिंग में रिजर्व बैंक की तरफ से महंगाई दर को ध्यान में रखकर रेपो रेट की समीक्षा की गई। इस पर किसी भी प्रकार का फैसला लेने से पहले RBI डिमांड, सप्लाई, इंफ्लेशन और क्रेडिट जैसी कई फैक्टर्स को ध्यान में रखता है।
बता दें कि जून के बाद अगली MPC की बैठक सितंबर के पहले हफ्ते में होगी। अगली बैठक में रेपो रेट की कटौती की उम्मीद कम ही है। अभी महंगाई दर सरकार की तरफ से तय दायरे से बाहर है। सरकार ने रिजर्व बैंक को महंगाई दर को 2 से 4 प्रतिशत के बीच लाने का लक्ष्य रखा है। जानकारों को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में RBI की ओर से रेपो रेट में कटौती की जा सकती है। RBI की ओर से रेपो रेट घटाने या बढ़ने का असर बैंकों की तरफ से दिए जाने वाले लोन की ब्याज दर पर पड़ता है।
रेपो रेट बढ़ने के बाद बैंकों की तरफ से होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन समेत सभी प्रकार के लोन को महंगा कर दिया जाता है। आसान शब्दों में कहें तो बैंक ब्याज दर बढ़ा देते हैं। लेकिन यदि RBI रेपो रेट में कटौती करता है तो इससे लोन की ब्याज दर कम होती है।
आखिर क्या है रेपो रेट-
जिस रेट पर RBI की तरफ से बैंकों को लोन दिया जाता है, उसे रेपो रेट कहा जाता है। रेपो रेट बढ़ने का मतलब बैंकों को RBI से महंगे रेट पर लोन मिलेगा। इससे होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन आदि की ब्याज दरे बढ़ जाएंगी। जिसका सीधा असर आपकी EMI पर पड़ेगा।
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