नई दिल्ली- देश में 2024 का लोकसभा चुनाव अब अपने आखिरी दौर में है। आज शनिवार को सातवें और अंतिम चरण की वोटिंग जारी है। चुनाव संपन्न होने के बाद लोगों की नजरे 4 जून को आने वाले नतीजों पर रहेगी। हालांकि नतीजों से पहले एग्जिट पोल सामने आएंगे। जिससे ये अनुमान लगाया जा सकेगा कि कौन सी पार्टी इस बार चुनाव में जीत हासिल कर रही। केंद्र में किसकी सरकार बनेगी। कई बार एग्जिट पोल के नतीजे और मतगणना रिजल्ट काफी हद तक समान निकलते हैं।
लेकिन कभी-कभी दोनों में बड़ा अंतर भी देखने को मिलता है। यही वजह है कि एग्जिट पोल पर कई लोग पूरी तरह से विश्वास नहीं करते। केवल एग्जिट पोल ही नहीं चुनावी घमासान में ओपिनियन पोल की भी चर्चा होती है। आखिर ओपिनियन पोल से एग्जिट पोल कितना अलग है। जानिए दोनों में कौन सबसे सटीक होता है।
एग्जिट पोल- एग्जिट पोल एक तरह का चुनावी सर्वे होता है। जो मतदान के दिन किया जाता है। इसमें वोटिंग कर बाहर आने वाले मतदाताओं से सवाल किए जाते है कि उन्होंने किस पार्टी या प्रत्याशी को वोट दिया। मतदाताओं द्वारा प्राप्त आंकड़ों का विश्लेषण कर अनुमान लगाया जाता है कि चुनावी नतीजे क्या होंगे? भारत में, चुनाव आयोग ने एग्जिट पोल के परिणामों को मतदान के दिन प्रसारित करने पर प्रतिबंध लगा रखा है।
हालांकि, यह बैन सभी फेज की वोटिंग पूरी होने के बाद प्रसारित किए जा सकते हैं। बता दे कि लोकसभा चुनाव में सातवें फेज की वोटिंग संपन्न होने के कुछ घंटों के बाद शाम 6.30 के बाद एग्जिट पोल सामने आएंगे।
ओपिनियन पोल- ओपिनियन पोल चुनाव की तारीखों का ऐलान होने से पहले किए जाते हैं। इसमें वोटिंग से पहले लोगों से सवाल कर उनके मूड को परखा जाता है। एग्जिट पोल में चुनाव के दौरान वोट करने आए मतदाताओं से उनकी राय ली जाती है। चुनाव संपन्न होने के बाद इसे जारी किया जाता है। हालांकि, ओपिनियन पोल चुनाव की घोषणा से पहले किया जाता है। जिसमें आम लोगों की राय से देश के लोगों का मूड समझा जाता है।
ओपिनियन पोल एक प्री पोल सर्वे होता है। चुनाव ऐलान से पहले इसे दिखाया जा सकता है। चुनाव घोषित होने और आदर्श आचार संहिता लागू होते ही ओपिनियन पोल पर बैन लग जाता है।
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