नई दिल्ली- राजधानी दिल्ली में जल संकट को लेकर दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। वहीं पानी की किल्लत को देखते हुए हरियाणा, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश से एक महीने के लिए अतिरिक्त पानी दिए जाने का निर्देश देने की मांग की गई। दिल्ली सरकार ने याचिका में भीषण गर्मी का हवाला देते हुए कहा है कि दिल्ली में पानी की जरूरत बढ़ गई है। ऐसे में देश की राजधानी में पानी की जरूरत पूरा करना सबकी जिम्मेदारी है। इसलिए सीमावर्ती राज्यों से दिल्ली को अतिरिक्त पानी उपलब्ध कराए।पानी की किल्लत के मुद्दे पर आप मंत्री आतिशी ने केंद्रीय जल मंत्री को पत्र लिखा है।
दिल्ली सरकार ने कहा कि राजधानी में पानी की जरूरतों को पूरा करने की दिशा में काम करना सभी की जिम्मेदारी है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी से आग्रह किया कि वह हरियाणा और उत्तर प्रदेश की अपनी-अपनी सरकारों से राष्ट्रीय राजधानी को एक महीने तक का पानी उपलब्ध कराने के लिए कहे। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली इन दिनों भारी जल संकट से जूझ रही है। जल मंत्री आतिशी ने हरियाणा पर दिल्ली के हिस्से का पानी नहीं देने का आरोप लगाया है।
आप सरकार की मंत्री आतिशी के मुताबिक, पिछले कुछ दिनों से जगह-जगह से पानी की शिकायत आनी शुरु हुई, खास तौर पर ऐसे इलाकों से जहां पहले कभी पानी की शिकायत नही थी। आतिशी ने बताया कि वजीराबाद में यमुना का स्तर सामान्य तौर पर 674 फीट होता है। अपने न्यूनतम स्तर पर यह 672 फीट तक चला जाता है। 11 मई से 21 मई तक लगातार हरियाणा ने धीरे-धीरे दिल्ली का पानी रोका। 11 मई को यमुना में पानी का स्तर 671.6 फीट पर था। तीन दिन तक 671.6 फीट पर बना रहा।
14 और 15 मई को यह 671.9 फीट पर रहा। 16 मई को घटकर 671.3 फीट पर आया। 17, 18, 19 मई को यह और नीचे आ गया। यहां पानी का जलस्तर 671 फीट पर आ गया। 21 मई को 671 फीट के भी नीचे आ गया। फिर यह 670.9 फीट पर रह गया। आतिशी का कहना है कि शायद यह पहली बार है जब दिल्ली के वजीराबाद में यमुना जल स्तर इतना कम हुआ है।
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