अंतरिक्ष स्टार्टअप अग्निकुल कॉसमॉस ने गुरुवार 30 मई को अपने पहले रॉकेट की उड़ान का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने जानकारी देते हुए बताया कि अग्निकुल कॉसमॉस ने श्रीहरिकोटा स्थित अपने लॉन्च पैड से अग्निबाण सबऑर्बिटल टेक डिमॉन्स्ट्रेटर यानि SOrTeD-01 मिशन को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया है। इसरो ने इसे ‘एक प्रमुख मील का पत्थर’ करार देते हुए अग्निकुल कॉसमॉस को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी।
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अग्निबाण रॉकेट की खासियत
अग्निकुल कॉसमॉस का अग्निबाण रॉकेट एक कॉस्टोमिसेबल और टू-स्टेज लॉन्च रॉकेट है। ये 300 किलोग्राम तक का पेलोड लगभग 700 किलोमीटर की ऑर्बिट में ले जा सकता है। ये रॉकेट लिक्विड और गैस प्रणोदकों के मिश्रण के साथ एक सेमी-क्रायोजेनिक इंजन का इस्तेमाल करता है। ये एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जिसे इसरो ने अभी तक अपने किसी भी रॉकेट में इस्तेमाल नहीं किया है। इससे पहले साल 2022 में स्काईरूट कंपनी ने भारत के पहले प्राइवेट रॉकेट को इसरो के प्रक्षेपण स्थल से लॉन्च किया था।
SOrTeD मिशन एक सिंगल-स्टेज लॉन्च रॉकेट डेमोनस्ट्रेशन है। इसे एक सेमी-क्रायोजेनिक इंजन अग्निलेट से ऑपरेट किया जाएगा। अग्निलेट स्वदेशी रूप से विकसित एक सब-कूल्ड लिक्विड ऑक्सीजन-आधारित प्रोपल्शन सिस्टम है। स्टार्ट-अप ने व्हीकल को पहली बार ईथरनेट-आधारित एवियोनिक्स आर्किटेक्चर और इन-हाउस डेवलप्ड ऑटोपायलट सॉफ्टवेयर के साथ तैयार किया है।
सब-कूल्ड लिक्विड ऑक्सीजन (LOX) और एविएशन टर्बाइन फ्यूल (ATF) से संचालित व्हीकल में पैसिव कंट्रोल देने के लिए 4 कार्बन कम्पोजिट फिंस लगाए गए हैं। अग्निलेट इंजन दुनिया का पहला सिंगल-पीस 3D-प्रिंटेड सेमी-क्रायोजेनिक रॉकेट इंजन है। ये मिशन लॉन्च से लेकर स्प्लेशडाउन यानि वापस आने तक सिर्फ दो मिनट का समय लेगा।
अग्निबाण के SOrTeD मिशन का लक्ष्य
‘अग्निबाण’ के सबऑर्बिटल टेक डिमॉन्स्ट्रेटर यानि SOrTeD-01 मिशन का मकसद एक टेस्ट फ्लाइट की तरह काम करना था। ये अग्निकुल की पहली फ्लाइट थी। ‘अग्निबाण’ SOrTeD को लॉन्च करने की ये अग्निकुल की पांचवीं कोशिश थी। कंपनी 22 मार्च से ही इसमें लगी हुई थी।