पुणे पोर्शे कांड- 19 मई की रात हुई पोर्शे कार दुर्घटना में आए दिन नए खुलासे हो रहे हैं। मामले में नाबालिग आरोपी के परिवार द्वारा जांच के नतीजे को प्रभावित करने की बात भी सामने आई है। इस मिलीभगत में ससून हॉस्पिटल के डॉक्टर्स भी शामिल है। ससून हॉस्पिटल के फॉरेंसिक हेड डॉ. अजय तवारे और चीफ मेडिकल ऑफिसर श्रीहरि हरनोल को सबूतों से छेड़छाड़ के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद क्राइम ब्रांच द्वारा हॉस्पिटल के एक वार्डबॉय अतुल को गिरफ्तार किया गया।
वार्डबॉय ने डॉक्टरों तक पहुंचाए 3 लाख-
वार्डबॉय अतुल घाटकांबले को 3 लाख रुपए डॉक्टर तक पहुंचाने के आरोप पर गिरफ्तार किया गया। अतुल ने कथित तौर पर 3 लाख रुपए की रिश्वत ली। जो उसने एक डॉक्टर को दी थी। पुणे क्राइम ब्रांच ने ढाई लाख रुपए डॉ. श्रीहरि हरनौल के पास से और पचास हजार की रकम अतुल घाटकांबले के पास से बरामद की। पुणे पोर्शे मामले में डॉ. अजय तमारे और श्री हरि हरनोल पर ब्लड सैंपल के फेर बदल को लेकर लगे गंभीर आरोप की जांच के लिए अब 3 सदस्यीय समति को मुंबई से पुणे भेजी गई।
डॉक्टर्स ने DNA, ब्लड सैंपल रिपोर्ट में किया फेरबदल-
ससून हॉस्पिटल में जेजे हॉस्पिटल की डीन पल्लवी सापले, गजानन चवान, सुधीर चौधरी द्वारा जांच चल रही है। DNA रिपोर्ट और चेकअप रिपोर्ट की फेरबदल, ब्लड सैंपलिंग लेने के घटनाक्रम को डिकोड किया जा रहा है। पुणे पुलिस सूत्रों की मानें तो डॉक्टर्स ने पैसे लेकर सिर्फ नाबालिग के ब्लड रिपोर्ट ही नही बदला था बल्कि उन्होंने रिश्वत की एवज में पिता और दादा को कमिटमेंट किया कि उन्हें मेडिकल सबंधित कोई परेशानी नहीं होगी।
गिरफ्तार डॉक्टर पर पहले भी हो चुकी है कार्रवाई-
डॉ. अजय तवारे, प्रोफेसर एवं प्रमुख को पहले उनके कदाचार के कारण पद से हटा दिए गए। डॉ. अजय तावरे को पुणे के बी.जे सरकारी मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा अधीक्षक के पद से उन्हें 2 बार हटाया जा चुका है। पहला कथित किडनी प्रत्यारोपण कदाचार के कारण और दूसरा अप्रैल 2024 में, चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान निदेशालय (DMER) ने चूहे के काटने की घटना पर डॉ. तवारे को चिकित्सा अधीक्षक के पद से हटाया था।
ड्राइवर पर हादसे की जिम्मेदारी के लिए बनाया गया दबाव-
वहीं मामले में दूसरी तरफ सबूत के फेर बदल के प्रयास में, अग्रवाल परिवार ड्राइवर गंगाधर को अगवा कर बंगले में ले गया जहां 2 दिन तक उसे किडनैप कर रखा गया था। नाबालिग आरोपी के पिता और दादा ने ड्राइवर को अगवा कर उसे डर और लालच दिखाया। जिससे वो एक्सीडेंट केस को अपने ऊपर ले ले। ड्राइवर ने मामले में FIR दर्ज कराई।
जिसके बाद दादा सुरेंद्र अग्रवाल को गिरफ्तार किया गया। पुणे पोर्श मामले में अब डॉ. श्रीहरि, डॉ. अजय तवरे और चपरासी अतुल को 30 मई तक पुलिस हिरासत में भेजा गया है। पुणे क्राईम ब्रांच द्वारा अन्य तथ्यों को भी खंगाल इस मामले की तह तक जाने की कोशिश की जा रही है।
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