Lucknow News- उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर बड़ी बात कही है, उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में आरक्षण में मुस्लिम जातियों को लेकर समीक्षा की जाएगी और यह देखा जाएगा, कि उन्हें किस आधार पर ओबीसी की श्रेणी में रखा गया है। धार्मिक आधार पर मिलने वाले आरक्षण को लेकर उन्होंने कहा कि हम कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे और सरकार इसे 4 जून के बाद देखेगी। बताते चलें कि लोकसभा चुनाव में विपक्षी पार्टी के गठबंधन द्वारा मुस्लिम समुदाय को आरक्षण देने के दावे किए जा रहे हैं।
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कर्नाटक और तेलंगाना भी गूंजा था मुस्लिम आरक्षण चुनावी मुद्दा
आपको बताते चलें कि साल 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान लगातार आरक्षण का मुद्दा सुनाई दे रहा है। एक तरफ जहां बीजेपी विपक्षी गठबंधन पर मुस्लिमों को आरक्षण देने का आरोप लगा रही है, तो वहीं विपक्षी दल भी अब इस मामले पर खुलकर सामने आ गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी नेता अपनी रैलियों में कांग्रेस पर धर्म के आधार पर आरक्षण देने का आरोप लगा रहे हैं। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, जब मुस्लिम आरक्षण को चुनावी मुद्दा बनाया गया हो। कर्नाटक और तेलंगाना में पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में भी आरक्षण को चुनावी मुद्दा बनाया गया था। उस दौरान अमित शाह ने कहा था, कि मुस्लिमों को आरक्षण देना संविधान के खिलाफ है।
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डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने कहा, उत्तर प्रदेश में आरक्षण में मुस्लिम जातियों को लेकर समीक्षा होगी। उन्होंने कहा कि ये देखा जाएगा कि आखिर किस आधार पर उन्हें ओबीसी की श्रेणी में रखा गया है।