दो व्यक्तियों का सांस्कृतिक और धार्मिक तौर पर एक होना ही शादी कहलाता हैं। शादी केवल दो लोगों का मिलन ही नहीं बल्कि विचार, व्यवहार के साथ-साथ एक सामाजिक ताना-बाना का अद्भुत समावेश भी है। दरअसल शादी परिवार और समाज निर्माण की सबसे छोटी इकाई है। जहां से समाज की संरचना आकार लेती है। लेकिन दो लोगों के मिलन के उत्साह में ये सारी बाते कहीं ना कही छिप जाती हैं। उमंग और उल्लास का ये वैभव समय के साथ बढ़ता जा रहा है, आज के समय में लोग शादियों को यादगार बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ते। अब शादियाँ चमक-दमक से भरपूर एक लग्जरी इवेंट बदल गई हैं।
इसे कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के आंकड़ों से भी समझा सकता है। इस वर्ष पूरे देश में लगभग 35 लाख शादियां होंगी, जिसमें तकरीबन 4.25 लाख करोड़ रुपए का खर्च होगा। शादी समारोह में हो रहे पैसों का निवेश दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है। ग्लोबल वेडिंग सर्विसेज मार्केट के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2020 में शादियों में होने वाला खर्च 60.5 बिलियन डॉलर था, जिसे 2030 तक 414.2 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। इतने बड़े आयोजन में कई तरह की असुरक्षा भी होती है।
जैसे शादी का कैंसल होना, आयोजन स्थल पर कोई धमाका होना, आग लगनी या कोई प्राकृतिक आपदा का आना जिससे शादी प्रभावित हो जाए। ऐसी ही असुरक्षा से बचने के लिए अब कई कंपनियां वेडिंग इंश्योरेंस जैसी स्कीम लाई है। जो एक तरह से सुरक्षा कवच का काम करेंगी। इसका प्रीमियम उस आधार पर तय होगा कि आयोजन कितना बड़ा है।
इंश्योरेंस में क्या-क्या होगा कवर-
अगर शादी किसी भी कारण से कैंसिल हो जाती है या किसी दूसरी वजह से तारीख में बदलाव होता है। तो खाने वाले वेंडर को दिया गया पैसा समेत होटल और यातायात की बुकिंग के साथ जो घर या शादी स्थल को सजाने की जगह है, वो सब इसके अंतर्गत आएगी। इस क्षति का भुगतान या भरपाई इंश्योरेंस कंपनी करेगी। ऐसे ही ऐड-ऑन और राइडर्स की सुविधा भी है, जिसके तहत अगर रास्ते में कुछ अनहोनी होती है तब ऐसी विशिष्ट परिस्थिति में राइडर्स वहां मदद पहुंचा सकता है।
इंश्योरेंस कवर के दायरे में क्या-क्या नहीं-
सभी इंश्योरेंस के कुछ नियम और कायदा होते हैं, जिसके दायरे में ये लागू होता है। इसके साथ भी कुछ ऐसी ही शर्ते हैं। जैसे किसी जन्मजात बीमारी से हुई मौत, अपहरण या आत्महत्या होने पर भी ये इंश्योरेंस मान्य नहीं होगा। साथ ही यदि आतंकवादी हमला या अप्राकृतिक चोट आती है तो भी यो पॉलिसी मान्य नहीं होगी। बता दें कि कई बड़ी कंपनियां ये इंश्योरेंस दे रही हैं। जिनमें Bajaj Allianz, ICICI Lombard, National Insurance Company, Oriental Insurance कंपनियां शामिल हैं।
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