उत्तराखंड- चारधाम यात्रा 10 मई से शुरू है। जिसके चलते भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने को पहुंच रहे हैं। गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों से तीर्थ यात्रियों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। बता दें कि चारों धामों में मोबाइल से रील्स बनाना प्रतिबंध किया गया है। इन धामों के मंदिर परिसर के 50 मीटर परिधि मे रील नहीं बनाने के आदेश के बाबजूद कई लोग इसे नहीं मान रहे। जिसके चलते गुरुवार को बदरीनाथ मंदिर परिसर मे रील बनाने वाले 37 लोगों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई। जिसमे बदरीनाथ में तैनात पुलिस ने रील्स बनाने वालों के मोबाइल फोन 8 घंटे तक के लिए जब्त कर लिए।
जिसके बाद इनसे जुर्माना भी वसूला। बदरीनाथ मंदिर परिसर मे रील बनाने वालों के खिलाफ पिछले 2 दिनों में पुलिस ने यह कार्रवाई की है। बुधवार को बदरीनाथ मंदिर में रील बनाने पर 15 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। पुलिस के मुताबिक आगे भी इस तरह की कार्रवाई जारी रहेगी। गुरुवार को बदरीनाथ SO नवनीत भंडारी ने बताया कि मंदिर परिसर के 50 मीटर की परिधि में मोबाइल से रील बनाते 37 लोगों के मोबाइल फोन जब्त किए गए। साथ ही सभी का पुलिस ऐक्ट में चालान कर प्रति ब्यक्ति से 250 रुपए का जुर्माना भी वसूला गया।
13 दुकानदारों के चालान-
खाद्य सुरक्षा और बाट माप विभाग की टीम ने गुरुवार को केदारनाथ यात्रा मार्ग का निरीक्षण किया। फाटा से सोनप्रयाग के बीच की 13 प्रतिष्ठानों के चालान किए। दुकानों में रेट लिस्ट भी चस्पा करवाई। वरिष्ठ बाट माप निरीक्षक जगदीश सिंह ने बताया कि 8 दुकान संचालकों के खिलाफ ओवररेटिंग पर चालान कर 7500 रुपए का जुर्माना वसूला गया। वहीं बाकी पर अन्य मामलों में कार्रवाई की गई। गुरुवार को गंगोत्री मंदिर समिति ने तीर्थाटन और पर्यटन व्यवस्था को लेकर सरकार की ओर से प्राधिकरण बनाए जाने की तैयारी का स्वागत किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस दिशा में जो पहल की है, वह सराहनीय है।
श्री पांच गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष रावल हरीश सेमवाल ने कहा कि चारधाम में तीर्थयात्रियों की बढ़ती संख्या से सड़क परिवहन, पार्किंग, मेडिकल जैसी महत्वपूर्ण सुविधाओं पर असर पड़ रहा है। ऐसे में सरकार को मंदिरों के प्रबंधन से अधिक तीर्थयात्रियों की सुविधा को लेकर प्रबंधन करना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि मंदिरों का प्रबंधन वर्षों से जिस व्यवस्था से चल रहा है, उसमें किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए।
उन्होंने सरकार से मांग की कि यात्रा प्रबंधन के लिए ठोस योजना बनाते हुए अमल करने की जरूरत है। सेमवाल ने कहा कि यात्रियों के बढ़ते दबाव को देखते हुए मंदिर समिति शासन-प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर दिन-रात सहयोग कर रही है। गंगोत्री में किसी तरह की असुविधा न हो, इसके लिए मंदिर समिति बखूबी जिम्मेदारी निभा रही है।
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