Lifestyle:- राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की आहार एवं पोषण विशेषज्ञ डॉ. दिव्या शर्मा के अनुसार शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्वों में विटामिन भी एक तत्व है। मुख्य प्रकारों तथा उप प्रकारों को मिलकर विटामिन के कुल 13 प्रकार माने जाते हैं। जो शरीर के अलग-अलग अंगों के संचालन व उन्हे स्वस्थ व रोग मुक्त रखने, शरीर के विकास के लिए बेहद जरूरी माने जाते हैं।
ये विटामिन हमारे मस्तिष्क, पाचन तंत्र, हड्डी तंत्र, मांसपेशियों, नेत्र व ह्रदय सहित शरीर के सभी तंत्रों के संचालन व उन्हे स्वास्थ्य रखने के साथ बालों व त्वचा को स्वस्थ बनाए रखने, शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने, कम व ज्यादा गंभीर बीमारियों से सुरक्षा व उनके होने की अवस्था में उनसे लड़ने, शरीर की कोशिकाओं की मरम्मत, रखरखाव और निर्माण करने में मदद का कार्य करते हैं।
विटामिन की कमी से होने वाली समस्याओं व रोगों के बारे में जानकारी देते हुए डॉ. दिव्या बताती हैं कि शरीर में प्रत्येक विटामिन की संयमित मात्रा में जरूरत होती है जो हमें आहार तथा वातावरण से मिलते हैं। किसी भी कारण से यदि शरीर में किसी प्रकार के विटामिन की कमी होने लगे तो यह कई बीमारियों, समस्याओं का कारण भी बन सकती है।
1. विटामिन: A- यह अच्छी दृष्टि प्रदान करने, प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर करने, हृदय, गुर्दे और फेफड़ों के सही ढंग से काम करने सहित कई प्रमुख कार्यों में मदद करता है। इसकी कमी से रतौंधी व आंखों से जुड़ी कुछ अन्य समस्याओं, त्वचा संबंधी समस्याओं ,फटे होंठ, एक्जिमा,घाव भरने में ज्यादा समय लगना, बच्चों के शारीरिक विकास में देरी तथा महिलाओं व पुरुषों दोनों में प्रजनन संबंधी समस्याएं जैसे इनफर्टिलिटी या गर्भधारण में परेशानी सहित कई विभिन्न समस्याएं हो सकती हैं।
2. विटामिन: B- विटामिन-B के 8 समूह हैं जिनमें B1, B2, B3, B5, B6, B7, B9, B12 जो संयुक्त रूप से हमारे शरीर को नई रक्त कोशिकाओं को बनाने, आहार को ऊर्जा में बदलने, त्वचा को स्वस्थ रखने, शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को स्वस्थ रखने तथा मस्तिष्क के विकास में मदद करने सहित कई कार्यों में मदद करते हैं।
इनकी कमी से पोषण संबंधी विकार, भूलने की बीमारी, मानसिक भ्रम व कुछ अन्य न्यूरोलॉजिकल समस्याएं, एनीमिया, नसों में समस्या व हाथों और पैरों में लगातार झुनझुनी, शरीर के संतुलन की समस्याएं, थकावट , कमजोरी, चिड़चिड़ापन, उदासी , दिल की धड़कन में अनियमितता या कार्डियोवैस्कुलर बीमारियां , इनफर्टिलिटी तथा कई बार कैंसर जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।
3. विटामिन: C- यह हड्डी, त्वचा व कनेक्टिव टिश्यू के निर्माण व उनकी मरम्मत, रक्त वाहिकाओं के सामान्य कामकाज, दांतों व मसूड़ों के स्वास्थ्य, आयरन को अवशोषित करने, लाल रक्तवाहिकाओं के निर्माण, फ्री रेडिकल से होने वाले नुकसान, संक्रमण से बचाव तथा जलने व अन्य घावों को भरने में मदद करने सहित कई तरह के कार्यों में मदद करता है।
इसकी कमी से शरीर में खराब मेटाबोलिज़्म, जल्दी-जल्दी बीमार होना, मांसपेशियों में कमजोरी, दर्द एवं अकड़न, ब्लीडिंग गम्स, एक्मोसिस, स्कर्वी, क्रोनिक इंफ़्लेमेशन, ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस, पैरों में रैश, बालों व त्वचा में समस्या तथा एनीमिया सहित कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
4. विटामिन: D- यह हमारे शरीर में हड्डियों, मस्तिष्क, संज्ञानात्मक स्वास्थ्य तथा प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर करने सहित कई कार्यों में मदद करता है। इसकी कमी से शरीर में कैल्शियम अवशोषण में समस्या या कैल्शियम की कमी, ऑस्टियोपोरोसिस सहित कई प्रकार के हड्डियों से जुड़े रोगों के होने का जोखिम, निमोनिया, ब्रोंकाइटीस, अवसाद, मस्तिष्क विकार, मनोभ्रंश, मधुमेह, प्रोस्टेट स्वास्थ्य में समस्या, कैंसर, हृदय रोग तथा स्तंभन दोष सहित कई समस्याएं व रोग हो सकते हैं।
5. विटामिन: E- यह हमारे शरीर में त्वचा और आंखों को सुंदर व स्वस्थ बनाए रखने तथा हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने सहित कई कार्यों में मदद करता है। इसकी कमी से मांसपेशियों में दर्द या कमजोरी, समन्वय में कठिनाई या शरीर की गतिविधियों पर नियंत्रण में समस्या, देखने में समस्या या दृष्टि दोष, रोगों के प्रति प्रतिरक्षा संबंधी समस्याएं, शरीर में सुन्नता या सिरहन जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
6. विटामिन: K- यह विटामिन हमारे शरीर में लीवर को प्रोटीन बनाने में मदद करने के साथ रक्त को गाढ़ा करने, घावों को शीघ्र ठीक करने में मदद करने, तथा हड्डी व पाचन स्वास्थ्य में मदद करने के साथ कई अन्य कार्यों में भी मदद करता है। इसकी कमी से शरीर में हड्डियों में समस्या जैसे बोन डेन्सिटी कम होना, ऑस्टियोपोरोसिस, जोड़ों और हड्डियों में दर्द होना, किसी भी कारण से होने वाले आंतरिक या बाह्य रक्तस्राव को रोकने में समस्या, महिलाओं में महावारी में समस्या, दांत-मसूढ़ों से जुड़ी समस्याएं होना जैसे उनमें खून आना, दांतों का कमजोर होना व अन्य रोग आदि, तथा नाखूनों में धब्बे पड़ने सहित कई समस्याएं हो सकती हैं।
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