नई दिल्ली: चीन ने श्रीलंका के बाद मालदीव को भी अपने कर्ज जाल में फंसा लिया है। जिससे वहां की मौजूदा मुइज़ू सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। ताजा घटनाक्रम में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने मालदीव सरकार को ऋण संकट के उच्च जोखिम की चेतावनी दी है। चेतावनी के बाद मालदीव चीन का कर्ज चुकाने के लिए विकल्प की तलाश कर रहा है। फिलहाल मालदीव सरकार ने चीन से ऋण पुनर्गठन कर राहत देने की गुहार लगाई है।
जिसके बाद चीन ने कहा है कि हम मालदीव से ऋण पुनर्भुगतान में कुछ आसानी प्रदान करने के विषय पर चर्चा कर रहे हैं। हालांकि, मालदीव में चीन की राजदूत वांग लिक्सिन ने कहा कि ऋण पुनर्गठन कोई समाधान नहीं है। क्योंकि ऐसा करने से मालदीव को बीजिंग से आगे वित्तीय सहायता मांगने में बाधा उत्पन्न होगी। राजदूत वांग ने कहा कि चीन और मालदीव की तकनीकी टीम इस मुद्दे की जिम्मेदारी संभाल रही हैं।
वांग ने उन दावों को भी खारिज कर दिया जिनमें कहा गया था कि चीन मालदीव को ऋण जाल में डाल रहा है। साथ ही वांग ने इस बात पर भी जोर दिया कि चीन ने हमेशा मालदीव का सम्मान किया है। वांग लिक्सिन ने यह भी कहा है कि मालदीव में संचालित परियोजनाएं लाभ के किसी भी उद्देश्य से संचालित नहीं की जा रही हैं।
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IMF की रिपोर्ट में कहा गया है कि मालदीव की वास्तविक जीडीपी वृद्धि का चीन की सेवा आयात की मांग के साथ गहरा संबंध है। जो दर्शाता है कि चीनी बाजार मालदीव के विकास का प्रमुख वाहक बना रहेगा। जो मालदीव के विकास के लिए जोखिम पैदा कर सकती है।