नई दिल्ली- जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के केस में गिरफ्तार झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन द्वारा गिरफ्तारी को दी गई चुनौती से संबंधित याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ED को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना की अगुवाई वाली बेंच ने मामले की सुनवाई के लिए 17 मई की तारीख दी है। कोर्ट ने कहा है कि इस दौरान ED अपना जवाब दाखिल करें। ED द्वारा हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के खिलाफ पहले सोरेन ने झारखंड हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। वहां से अर्जी खारिज होने के बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
जहां सुनवाई के दौरान सोरेन के वकील कपिल सिब्बल ने लगातार कई बार सुनवाई की जल्द तारीख देने की गुहार लगाई जिसके बाद कोर्ट ने 17 मई की तारीख तय की है। सोमवार को सुनवाई के दौरान जस्टिस संजीव खन्ना की अगुवाई वाली बेंच के सामने सोरेन के वकील कपिल सिब्बल पेश हुए। इस दौरान जस्टिस खन्ना ने सिब्बल से सवाल किया कि क्या जमीन उनके पोजेशन में रहा है। तब सिब्बल ने कहा कि जमीन सोरेन के पोजेशन में कभी नहीं रहा। इस जमीन के सोरेन का कोई लेना देना नहीं है। सिब्बल ने कहा कि हमारे इस बयान को रेकॉर्ड पर लिया जा सकता है कि उस जमीन का पोजेशन सोरेन के पास कभी नहीं रहा।
सिब्बल ने कहा कि जबरन जमीन के कब्जे के आरोप के केस में मनी लॉन्ड्रिंग का केस नहीं बनता है। जस्टिस खन्ना ने सिब्बल से कहा कि अगर वह चाहें तो हम सुनवाई के लिए जुलाई की तारीख रख सकते हैं। अभी 18 मई से गर्मी की छुट्टी शुरू होने जा रही है। सिब्बल ने जल्द सुनवाई के लिए गुहार लगाई। कहा कि अभी देश में आम चुनाव चल रहा है ऐसे में जल्द सुनवाई की जाए। शुरुआत में बेंच इसके लिए तैयार नहीं था और कहा कि हम बाद में सुनेंगे। तब सिब्बल ने कहा कि चुनाव चल रहा है और कैपेंन खत्म हो जाएगा। हाई कोर्ट ने मामले में फैसला देने में काफी देरी की है।
जबकि सुनवाई 28 फरवरी को ही हाई कोर्ट में पूरी हो गई थी और हाई कोर्ट ने 3 मई को फैसला दिया था। इस तरह की देरी होने से हेमंत सोरेन को चुनावी कैंपेन में हिस्सा लेने से वंचित किया गया। जब हाई कोर्ट ने 2 महीने फैसला नहीं दिया तब सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट में मामला आने के बाद हाई कोर्ट ने 3 मई को फैसला दिया है। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह मामले में सुनवाई के लिए 20 मई की तारीख तय कर देते हैं। इस पर सिब्बल ने कहा कि हम याचिका वापस ले लेंगे। सिब्बल ने कहा कि इस मामले में ED को एडवांस कॉपी तामिल कर दी गई थी लेकिन ED जानबूझकर मामले में देरी कर रही है। हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने 17 मई को सुनवाई की तारीख तय की है।
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