नई दिल्ली: भारतीय जवानों के मालदीव छोड़ने के कुछ दिनों बाद, वहां के रक्षा मंत्री घासन मौमून ने स्वीकार किया है कि उनकी सेना में भारत द्वारा दान किए गए तीन विमानों को संचालित करने में सक्षम पायलटों की कमी है। बीते रविवार को माले में एक मीडिया ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए मालदीव के रक्षा मंत्री ने यह बात स्वीकार की है। उन्होंने कहा कि विमान उड़ाने के लिए लाइसेंस प्राप्त कोई भी व्यक्ति उनके देश में नहीं है।
मौमून ने बताया कि मालदीव के जिन सैनिकों ने विमान उड़ाने का प्रशिक्षण शुरू किया था, वे पूर्ण प्रशिक्षण प्राप्त करने में सफल नहीं हुए। मालदीव के रक्षा मंत्री घासन मौमून ने कहा कि भारत से एक समझौते के तहत फरवरी में निर्धारित समय सीमा का पालन करते हुए भारतीय सैन्यकर्मी शुक्रवार को मालदीव से अपने देश के लिए रवाना हो गए। यह समझौता मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू, जो अपने चीन समर्थक रुख के लिए जाने जाते हैं, उन्होंने नवंबर 2023 में पदभार ग्रहण करने के तुरंत लिया था।
बता दें कि मालदीव से जो 77 सैन्यकर्मी भारत वापस आए हैं, वह मुख्य रूप से पायलट, चालक दल और तकनीशियन हैं। जो दो हेलीकॉप्टर और विमान संचालित करते हैं। इन विमानों का उपयोग समुद्री निगरानी, खोज, बचाव अभियान और आकास्मिक चिकित्सा के लिए किया जाता था। बता दें कि मालदीव सरकार के पास जो 3 विमान हैं उसे भारत सरकार ने ही वहां की सरकार को दान में दिया था।