Uttarkashi News- चारधामों में प्रथम यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ हेतु खोल दिए गए हैं। सुबह सवा 6 बजे मां यमुना की डोली को धाम के लिए रवाना किया गया। धाम पर पहुंचते ही मां यमुना की विशेष पूजा-अर्चना के बाद विधि-विधान से शुभ मुहूर्त में 10:29 बजे कपाट खोले गए। आपको बताते चलें कि आज अक्षय तृतीया के अवसर पर सबसे पहले सुबह 7:15 बजे विधि-विधान के साथ बाबा केदारनाथ के कपाट भक्तों के दर्शन के लिए खोले जा चुके हैं।
यह भी पढ़ें- चारधाम यात्रा 2024- खुल गए बाबा केदारनाथ धाम के कपाट, ‘बम-बम भोले’ के जयकारों से गूंजी भोले की नगरी
आज शुक्रवार को अक्षय तृतीया के अवसर पर चारधामों की शुरुआत हो चुकी है। बाबा केदारनाथ के कपाट खोलने के बाद यमुनोत्री धाम के कपाट भी भक्तों के दर्शन हेतु खोल दिए गए हैं। इस अवसर पर बड़ी संख्या में धाम पहुंचे श्रद्धालुओं ने यमुना मां के दर्शन कर सुख-समृद्धि के लिए मनौतियां मांगी। बताते चलें कि यमुनोत्री मंदिर उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित है। इसे चारधामों में प्रथम धाम माना जाता है।
श्रद्धालुओं के जयकारों के साथ खोले गए यमुनोत्री धाम के कपाट
यमुनोत्री धाम के कपाट खोलने के लिए यमुना के शीतकालीन पड़ाव खरसाली खुशीमठ स्थित यमुना मंदिर में पूजा अभिषेक शुरु किया गया था। मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना के बाद पूर्व निर्धारित कार्यक्रम में सवा छह बजे मंदिर से मां यमुना की डोली बाहर लाई गई। मां यमुना की डोली अपने भाई शनि महाराज की डोली के साथ श्रद्धालुओं के जयकारों के साथ धाम के लिए रवाना हुई।
दर्शन को उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
जानकीचट्टी से 5 किमी का पैदल मार्ग तय कर डोली यात्रा यमुनोत्री धाम पहुंची। यहां मां यमुना की विशेष पूजा-अर्चना संपन्न की गई। इसके बाद विधि-विधान के साथ शुभ मुहूर्त में 10:29 बजे यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। इस अवसर पर धाम पहुंचे श्रद्धालुओं ने गर्म जल कुंड में स्नान कर मां यमुना के दर्शन किए।
अक्षय तृतीया से शुरु होती है चारधाम यात्रा
बताते चलें कि यमुनोत्री को चारधाम यात्रा का पहला पड़ाव कहा जाता है। चारधामों की यात्रा हर साल अक्षय तृतीया से शुरु हो जाती है। यात्रा यमुनोत्री से शुरु होकर गंगोत्री फिर केदारनाथ और आखिर में श्री बदरीनाथ धाम पर संपन्न होती है। मां यमुना का पवित्र धाम उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में है। यहां से एक किलोमीटर दूर स्थित चंपासर ग्लेशियर है, जो यमुना का मूल उद्गम स्थल है। ग्लेशियर की ऊंचाई 4 हजार 421 मीटर है। जिसे कलिंद पर्वत कहा जाता है। यहीं से उद्गम होने के कारण यमुना नदी को कालिंदी भी कहते हैं।