नई दिल्ली: इन दिनों देश भर में कोविड वैक्सीन की चर्चा है। इससे एजेंडाधारियों को पीएम मोदी पर निशाना साधने का बड़ा मौका मिल गया है। एजेंडाधारी गैंग झूठ फैला रहा है कि कोविड वैक्सीन के साइड इफेक्ट का पता चलते ही वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट से पीएम मोदी की तस्वीरें हटा ली गई हैं। लेकिन, एजेंडा सफल हो इससे पहले ही उनके झूठ का पर्दाफाश हो गया।
दरअसल, एक विशेष गैंग लोकसभा चुनाव के चलते पीएम मोदी के खिलाफ फर्जी जानकारी फैलाने के काम पर लगा हुआ है। ताकि उनकी लोकप्रियता को कम किया जा सके। मोदी विरोधी यह बाद फैलाने में जुटे हैं कि जब से कोविशील्ड के बारे में जानकारी मिली है, उसके बाद से वैक्सीन सर्टिफिकेट से पीएम की तस्वीर हटा ली गई है।
सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण ने एक्स पर पोस्ट करके दावा किया है कि ‘जैसे ही COVID टीकों के घातक दुष्प्रभावों का प्रचार हुआ, मोदी ने तुरंत वैक्सीन प्रमाणपत्रों से अपनी तस्वीर हटा दी! मोदी का कमाल!’ हालांकि प्रशांत भूषण पहले ऐसे शख्स नहीं हैं, जिन्होंने इस प्रकार की बातें कहीं हैं, सोशल मीडिया इस तरह की तमाम पोस्ट वायरल की जा रही हैं।
As soon as the lethal side effects of the COVID Vaccines got publicised, Modi promptly got his photo removed from the vaccine certificates!
Modi ka kamaal! https://t.co/bSDSZypBpr— Prashant Bhushan (@pbhushan1) May 2, 2024
पीएम की तस्वीर हटाने की असली वजह
दरअलस, पीएम मोदी की तस्वीर सिर्फ वैक्सीन प्रमाणपत्रों से ही नहीं हटाई गईं। बल्कि सभी सरकारी वेबसाइटों से पीएम मोदी की तस्वीरें हटा ली गई हैं। इसकी वजह देश में लोकसभा चुनाव के चलते लगी आदर्श आचार संहिता है। इसके पहले भी 2022 में देश के 5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान, भी पीएम मोदी की तस्वीरें सरकारी वेबसाइटों से हटा ली गई थीं।