रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत को एक और कामयाबी हासिल हुई है। भारतीय नौसेना ने बुधवार को पनडुब्बी रोधी मिसाइल सिस्टम का सफल परीक्षण किया। ओडिशा के बालासोर तट पर सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड रिलीज ऑफ टॉरपीडो (SMART) मिसाइल सिस्टम का सफल परीक्षण किया गया।
ये भी पढ़ें- नई दिल्ली : वाइस एडमिरल कृष्णा स्वामीनाथन बने नौसेना के वाइस चीफ, संभाली कमान
दरअसल, बुधवार की सुबह करीब साढ़े आठ बजे डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से सुपरसोनिक मिसाइल सिस्टम ने उड़ान भरी। ये अगली पीढ़ी का मिसाइल सिस्टम है, जो लाइटवेट टॉरपीडो डिलीवरी सिस्टम पर आधारित है। इसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है।
क्या है खासियत ?
बता दें कि पनडुब्बी रोधी युद्ध में ये मिसाइल सिस्टम बेहद अहम है। यह मिसाइल लंबी दूरी के लक्ष्यों को भेदने में सक्षम है। SMART मिसाइल को युद्धक जहाज के साथ ही तटीय इलाकों से भी लॉन्च किया जा सकता है। ये मिसाइल अपनी अधिकांश उड़ान कम ऊंचाई पर हवा में पूरी करती है और अपने लक्ष्य के नजदीक जाकर मिसाइल से टॉरपीडो रिलीज होकर पानी के भीतर लक्ष्य को भेदने में सक्षम है।
इस कनस्तर आधारित मिसाइल सिस्टम में कई आधुनिक सब-सिस्टम हैं। इसमें दो चरणों वाली सॉलिड प्रोपल्शन सिस्टम, इलेक्ट्रो मैकेनिकल एक्चुएटर सिस्टम और नेविगेशन सिस्टम शामिल हैं। यह सिस्टम कम वजनी टॉरपीडो को बतौर पेलोड को साथ लेकर उड़ान भरता है, जिसमें पैराशूट आधारित रिलीज सिस्टम होता है। मिसाइल को ग्राउंड मोबाइल लॉन्चर से लॉन्च किया गया था। परीक्षण के दौरान इजेक्शन और वेग नियंत्रण जैसे आधुनिक तंत्रों को मान्य किया गया है।
रक्षा मंत्री ने दी बधाई
SMART के सफल उड़ान परीक्षण के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ और उद्योग भागीदारों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि इस प्रणाली के विकास से हमारी नेवी की ताकत और बढ़ेगी। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी कामत ने टीम के प्रयासों की सराहना करते हुए उत्कृष्टता के पथ पर आगे बढ़ने का आग्रह किया।