Moradabad News- मुरादाबाद-सहारनपुर रेल मार्ग पर मंगलवार की रात नैनी-दून एक्सप्रेस को दुर्घटनाग्रस्त करने की साजिश रची गई थी। ट्रेन को पटरी से उतारने के लिए रेलवे ट्रैक पर 100 किलो का पत्थर रखा गया था। जब ट्रेन आई तो पत्थर इंजन में फंस गया, लेकिन काठगोदाम से देहरादून जाने वाले नैनी-दून एक्सप्रेस ट्रेन के ड्राइवर की सूझबूझ से बड़ा हादसा होने से टल गया। बताते चलें कि मिली जानकारी के अनुसार ट्रेन में 1100 यात्री सवार थे।
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100 मीटक तक घिसटती रही ट्रेन
काठगोदाम से देहरादून जाने वाली 12091 नैनी-दून एक्सप्रेस मंगलवार को मुरादाबाद रेलवे स्टेशन से ठीक समय पर देहरादून के लिए रवाना हुई। कांठ से आगे स्योहारा के पास मेवा नवादा पर करीब साढ़े 7 बजे पहुंची, तो अचानक रेलवे ट्रैक पर रखा भारी-भरकम का पत्थर ट्रेन के इंजन से टकरा गया। जिसकी वजह से इंजन का पहिया उठ गया और ट्रेन 100 मीटर तक पटरी पर घिसटती रही। ट्रेन के सभी डिब्बे तेजी के साथ हिलने लगे। ट्रेन के डिब्बे हिलने से ट्रेन में सवार करीब सभी 1100 लोग चिखने-चिल्लाने लगे।
1100 यात्रियों की बची जान
बताते चलें कि मुरादाबाद-सहारनपुर रेल मार्ग पर मंगलवार को नैनी-दून एक्सप्रेस के ड्राइवर ने ट्रेन को दुर्घटनाग्रस्त होने से बचा लिया। ड्राइवर की सूझबूझ से 1100 यात्रियों की जान बच गई। रेलवे ट्रैक पर भारी पत्थर रखा गया था। इस पत्थर का वजन 100 किलो बताया जा रहा है। इस बारे में रेलवे कंट्रोल रूम पर मिनी सूचना के बाद घटनास्थल पर मैकेनिकल विभाग की टीम पहुंची। फिर इस भारी-भरकम पत्थर के टुकड़े करके ट्रैक से हटाया। डेढ़ घंटे की कड़ी मश्कत के बाद ट्रेन को सुरक्षित आगे के लिए रवाना किया गया। फिलहाल रेलवे ने इस मामले की जांच शुरु कर दी है। माना जा रहा है कि ट्रैक पर बड़ा हादसा करने की साजिश की रची गई थी। ऐसा इसलिए माना जा रहा है क्योंकि रेलवे पटरी की इस जगह पर लोगों का आना-जाना नहीं होता है। ट्रेन पलटती तो हजारों लोग उससे प्रभावित होते।
इस मामले में ड्राइवर, सहायक ड्राइवर, गार्ड सहित ट्रेन में सवार लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं। सीनियर डीसीएम का कहना है कि ट्रेन पर इतना बड़ा और इतना भारी पत्थर कैसे आया, इस पूरे मामले की जांच कराई जा रही है।