गोंडा: महिला पहलवानों के यौन शोषण के आरोपों से घिरे कैसरगंज सांसद बृजभूषण शरण सिंह का टिकट अभी तक फाइनल नहीं हुआ है। कैसरगंज लोकसभा क्षेत्र के लिए 26 अप्रैल से नामांकन की प्रक्रिया जारी है। यहां नामांकन की अंतिम तारीख 3 मई निर्धारित है। जबकि मतदान 20 मई को होना है। नामांकन करने के लिए अब सिर्फ 2 दिन का समय शेष है। लेकिन, भाजपा यहां से बृजभूषण शरण सिंह को चुनाव लड़ाएगी या फिर किसी अन्य प्रत्याशी को यह अभी तय नहीं है। लेकिन, टिकट में देरी के चलते इस बात की आशंका और बढ़ती जा रही है कि कहीं बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व बृजभूषण शरण सिंह का टिकट काट न दे।
हालांकि, बृजभूषण शरण सिंह को भी यही आशंका सता रही है। यही कारण है वह अपने साथ-साथ भजीते सुमित भूषण सिंह का भी नामांकन कराने की योजना बना रहे हैं। इसको लेकर सभी काजगी प्रक्रिया संपन्न कराई जा रही है। विभिन्न विभागों से नोड्यूज को लेकर उनकी टीम जुटी हुई है। वहीं, अब तक सपा और बसपा ने भी यहां से अपने-अपने प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है।
कैसरगंज की राजनीति को करीब से समझने वाले लोगों का कहना है कि सपा अब तक बृजभूषण शरण सिंह के टिकट का इंतजार कर रही थी। लेकिन,अब सपा ने नेतृत्व ने कटरा विधानसभा के पूर्व विधायक बैजनाथ दुबे को मैदान में उतारे का मन बना रही है। सूत्रों का कहना है कि उन्हें सपा नेतृत्व द्वारा नामांकन पत्र खरीदने के लिए बोल दिया गया है।
लेकिन,आश्चर्यचकित करने वाली बात यह है कि अभी तक यहां से भाजपा के अलावा सपा और बसपा ने भी आधिकारिक तौर पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है। लेकिन,तीनों दल अंदर खाने से रणनीति तैयार करने में जुटे हैं। माना जा रहा कि भाजपा के साथ-साथ सपा और बसपा ने अपने प्रत्याशियों का नाम लगभग फाइनल कर दिया है। अब सिर्फ घोषणा की औपचारिकता बाकी है। यहां नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 3 मई है। माना जा रहा है कि सपा यहां से 24 घंटे के अंदर ही प्रत्याशी घोषित कर सकती है।
वहीं, भाजपा कैसरगंज के साथ-साथ रायबरेली सीट का भी इंतजार कर रही है। इन दोनों सीटों पर 5वें चरण में मतदान होना है। रायबरेली सीट गठबंधन में कांग्रेस के हिस्से में है। 2019 में यहां से कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी चुनाव जीती थीं। हालांकि, उन्होंने अबकी बार उन्होंने लोकसभा चुनाव ना लड़ने की घोषणा कर दी है। सोनिया गांधी राजस्थान से राज्यसभा पहुंच चुकी हैं। अबकी बार रायबरेली सीट पर कांग्रेस किसे चुनाव लड़ाती है, यह आने वाले कुछ घंटों में तय हो जाएगा।
माना जा रहा है कि भाजपा कैसरगंज और रायबरेली सीट पर एक साथ प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर सकती है। रायबरेली में अगर बात करें तो यहां से भाजपा शीर्ष नेतृत्व सपा सरकार में मंत्री रहे मनोज पांडेय और वर्तमान में योगी सरकार में मंत्री दिनेश प्रताप सिंह में से किसी एक नाम पर विचार कर सकती है। मनोज पांडेय 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा के सिंबल पर ऊंचाहार से विधायकी का चुनाव जीते थे। लेकिन, राज्यसभा चुनाव में उन्होंने सपा से बगावत करते हुए, भाजपा प्रत्याशी को वोट किया था। जिसको लेकर रायबरेली सीट से उनकी दावेदारी पक्की मानी जा रही है।
वहीं, सूरत और इंदौर में कांग्रेस प्रत्याशियों द्वारा नामांकन वापस लेने के बाद से यूपी में सपा और बसपा अब फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। यही वजह है कि सपा-बसपा कैसरगंज और रायबरेली सीट पर कम से कम 2 नेताओं का नामांकन करने पर विचार कर रही है। किसी भी स्थिति में अगर एक प्रत्याशी चुनाव नहीं लड़ पाता है तो दूसरे प्रत्याशी को संगठन मजबूत करेगा।