कोलकाता: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में रामनवमी के दिन हुई हिंसा को लेकर कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सख्त रुख अपनाया है। रामनवमी हिंसा पर टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने कहा है कि चुनाव आयोग से हम कहेंगे कि मुर्शिदाबाद का चुनाव टाल दें। क्योंकि, जहां लोग 8 घंटे तक शांति से अपना त्योहार नहीं मना सकते, वहां इस वक्त वोट देने की कोई जरूरत नहीं है। मैं चुनाव आयोग से मुर्शिदाबाद के बहरामपुर इलाके में चुनाव स्थगित करने के लिए कहूंगा।
बता दें कि रामनवमी हिंसा मामले पर बीते मंगलवार को कलकत्ता हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस शिवगणनम ने सुनवाई की और ममता सरकार के प्रशासन पर सवाल उठाए। दरअलस, कोर्ट मुस्लिम राष्ट्रीय मंच द्वारा हाई कोर्ट में डाली गई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए उक्त टिप्पणी की। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने मुर्शिदाबाद के बेलडांगा और शक्तिपुर में हिंसा की एनआईए या सीबीआई जांच की मांग की गई थी। यह हिंसा शक्तिपुर इलाके में रामनवमी की शोभा यात्रा निकलने के उस दौरान हुई थी, जब यात्रा एक मस्जिद के पास से होकर गुजर रही थी। इस घटना में लगभग 19 लोग घायल हो गए थे।
साथ ही कलकत्ता हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने यह भी कहा कि रिपोर्ट्स की माने को कोलकाता में रामनवमी पर करीब 33 स्थानों पर कार्यक्रम रद्द किए जाते हैं। लेकिन, कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। दोनों पक्ष के याचिकाकर्ताओं ने यह माना की इसके पहले रामनवमी पर मुर्शिदाबाद में ऐसी कोई घटना नहीं हुई थी। जिसके बाद कोर्ट ने यह पूछा कि क्या अबकी बार यात्रा में बाहरी लोग शामिल थे?
चीफ जस्टिस टीएस शिवगणनम ने सरकारी वकील अमितेश बनर्जी से यह भी पूछा कि यह हिंसा किस कारण हुई है। जिस पर सरकारी वकील ने कोर्ट को जानकारी कि सड़कों पर चल रहे कुछ लोगों ने लटके हुए 2 झंडे फटे हुए पाए। जिस पर मुख्य न्यायधीश ने कहा कि ऐसा संभवतः चुनाव के कारण है।