Gorakhpur News- पंडित दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के बॉटनी विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ तूलिका मिश्रा के रिसर्च को यूके से पेटेंट मिला है। उन्होंने कीमोथेरेपी, हदय रोग और इन्सुलिन से जुड़ी हुई एक डिवाइस बनाई है। ये डिवाइस गम्भीर बीमारियों की समय पर पहचान और इलाज के लिए काफी मददगार साबित होगी। बताते चलें कि करीब पांच वर्ष पूर्व देश के अलग-अलग राज्यों के कुल 9 वैज्ञानिकों ने रिसर्च शुरु किया था।
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गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो पूनम टंडन ने डॉ तूलिका मिश्रा के डिजाइन को पेटेंट मिलने पर बधाई देते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय के लिए बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने बताया कि बॉटनी विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ तूलिका मिश्रा ने रिसर्च में गम्भीर बीमारियों के इलाज के लिए उपकरण की डिजाइन को बनाने में सफलता हासिल की है। इस डिजाइन को यूके से पेटेंट मिला है। उन्होंने बताया कि यह बायोसेंसर कई चीजों का मिला-जुला रूप है। इस डिवाइस को वाईफाई या ब्लूटूथ से भी कनेक्ट किया जा सकेगा।
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कुलपति प्रो पूनम टंडन ने बताया कि इसके अलावा इससे दूर बैठे चिकित्सक भी मरीज की बीमारी का हाल जान सकेंगे। ब्लूटूथ या वाईफाई से कनेक्ट कर मरीज के शरीर की बायोसेंसिंग करने पर उसका परिणाम डॉक्टर के मोबाइल पर भी दिखेगा। साथ ही इसके जरिए शरीर से निकलने वाले अनेक एंजाइम, हार्मोंस और प्रोटीन की बायोसंसिग से रिपोर्ट भी मिल सकेगी। इस अवसर पर विज्ञान संकायाध्यक्ष के प्रो शांतनु रस्तोगी और वनस्पति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो अनिल कुमार द्विवेदी आदि ने भी बधाई दी है।