लखनऊ: लोकसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को संपन्न हुआ। इसी चरण में ही पश्चिम यूपी की 8 लोकसभा सीटों पर भी मतदान कराया गया। लेकिन, अब सवाल यह उठता है कि पश्चिम यूपी में क्षत्रिय समाज के लोगों ने किसका समर्थन किया। क्योंकि पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर खबरें आ रही थीं कि पश्चिम यूपी में क्षत्रिय समाज के लोग भाजपा से नाराज हैं। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को भुनाने का खूब प्रसाय किया। खूब मींटग्स हुईं, कई क्षत्रिय पंचायतें बुलाई गईं। जिससे पहले चरण में भाजपा के ठाकुर वोट बैंक में सेंधमारी कर उसे बैकफुट पर लाया जा सके। लेकिन, विपक्ष की यह तमाम कोशिशें सीएम योगी आदित्यनाथ की सक्रियता और बीजेपी शीर्ष नेतृत्व की रणनीति के सामने सफल होती नहीं दिख रहीं।
भाजपा ने पहले चरण का मतदान होने से पहले ही क्षत्रिय मतदाताओं की नाराजगी दूर करने का पूरा प्रयास किया। जिसमें भारतीय जनता पार्टी सफल कितनी सफल हुई यह तो समय ही बताएगा। माहौल बनाया गया कि पश्चिम यूपी में क्षत्रिय समाज के नेताओं की टिकट बंटवारे में अनदेखी की गई। गाजियाबाद लोकसभा सीट से वर्तमान सांसद और पूर्व थलसेना अध्यक्ष जनरल वीके सिंह का टिकट काट दिया गया। जिसके बाद तेजी के साथ ऐसी खबरें फैलीं की पश्चिम में राजपूत के समाज के मतदाता नाराज हैं। क्षत्रिय समाज की कई पंचायतें बुलाईं गईं। जिसमें भाजपा का विरोध किया गया। हालांकि, इन पंचायतों पर राजनीति से प्रेरित होने का आरोप लगा।
लेकिन, क्षत्रिय समाज का विरोध आगे बढ़े इससे पहले ही भाजपा शीर्ष नेतृ्त्व ने पश्चिम यूपी की दो लोकसभा सीटों से क्षत्रिय समाज से आने वाले प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया। जिसमें से मैनपुरी लोकसभा सीट से योगी सरकार में मंत्री ठाकुर जयवीर सिंह और फिरोजबाद लोकसभा सीट से ठाकुर विश्वजीत सिंह को प्रत्याशी बनाया गया। भाजपा के इस कदम से क्षत्रिय समाज के लोगों की नाराजगी काफी हद तक कम हुई।
वहीं, सीएम योगी ने स्वयं मोर्चा संभाला। वह अब तक पश्चिम यूपी में कई रैलिया कर चुके हैं। जिससे क्षत्रिय समाज के मतदाताओं पर बड़ा प्रभाव पड़ा है। क्योंकि सीएम योगी को क्षत्रिय समाज के लोग अपना नेता मानते हैं। वैसे तो वह संत हैं। लेकिन, उनका जन्म उत्तराखंड के एक क्षत्रिय परिवार में हुआ था। इसी वजह से सीएमी की पकड़ क्षत्रिय समाज में मजबूत मानी जाती है। यही वजह है कि सीएम की ताबड़तोड़ रैलियों से पश्चिम यूपी में भाजपा के पक्ष में तगड़ा माहौल बनता हुआ दिखाई दे रहा है।