अयोध्या; जरा सोचिए… 500 वर्षों बाद रामलला की जन्मभूमि पर मनाई जाने वाली रामनवमी कितनी खास होगी। अयोध्या में रामलला का भव्य मंदिर बनने और प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद यह पहली रामनवमी होगी। राम भक्त यह सोच कर ही रोमांचित हो रहे हैं कि अबकी बार अयोध्य का ‘रामनवमी उत्सव’ कितना भव्य होगा। प्रभु राम का जन्मोत्सव मनाने के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट, अयोध्या में व्यापक रूप से तैयारियां कर रहा है।
रामनवमी के दिन सूर्य की किरणें रामलला का अभिषेक करेंगी। इस दिन प्रभु का दिव्य श्रृंगार होगा। इसको लेकर तैयारियां जोरों से चल रही हैं। रामलला रामनवमी के दिन विशेष प्रकार के वस्त्र धारण करेंगे। इन वस्त्रों को दिल्ली में चांदी और सोने के तारों से बनाया जा रहा है। यह वस्त्र देखने में अत्यंत मनमोहक होंगे। रामलला जब इन वस्त्रों को धारण कर अपनी मंद मुस्कान के साथ भक्तों को दर्शन देंगे तो यह क्षण देखने वाला होगा।
इस दिन अयोध्या में जगह-जगह बधाई गीत गाए जाएंगे। कई टोलियों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। साथ ही प्राण प्रतिष्ठा की तरह ही रामनवमी के दिन प्रभु राम के मंदिर को भव्य रूप से सजाया जाएगा। इसको लेकर कर्नाटक और दिल्ली से फूलों को मंगवाया गया है। इन फूलों की विशेषता यह है कि ये एक सप्ताह तक मुरझाएंगे नहीं।
रामनवमी के दो दिनों पहले से ही जन्मभूमि पर जन्मोत्सव प्रारंभ हो जाएगा। वेदों और पुराणों का पाठ होगा। रामलला को 56 प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा। कुल मिला कर इस दिन अयोध्या में त्रेतायुग की तरह माहौल दिखेगा। तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अलावा यूपी सरकार भी लगी हुई है। लोगों को किसी भी प्रकार की असुविधा ना हो इसको लेकर सुरक्षा और यातायात प्रबंधन की बेहतर व्यवस्था की जा रही है
रामनवमी की सबसे खास बात यह होगी कि इस दिन दोपहर ठीक 12 बजे रामलला का पहला अभिषेक सू्र्य देव करेंगे। जब रामलला के गर्भ गृह से पर्दा हटेगा तो सूर्य की किरणें रामलला के ललाट पर पड़ेंगी। इस दृश्य को देखने के लिए भक्तों के बीच उत्साह नजर आ रहा है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, रामलला को भगवान सूर्य का वंशज माना जाता है। कहा जाता है रामलला ने जब महाराजा दशरथ के घर जन्म लिया था तो सूर्य देव ने कहा था कि आज उनका मान बढ़ गया। जिसके बाद वह प्रभु राम के दर्शन पाने के लिए अयोध्या पहुंच गए थे। अबकी बार अयोघ्या में कुछ ऐसा ही देखने को मिलेगा।
माना जा रहा है कि इस बार रामनवमी के दिन बड़ी संख्या में भक्त अयोध्या पहुंच सकते हैं। इसको देखते हुए मंदिर परिसर के अंदर खास व्यवस्था की जा रही है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि रामनवमी के दिन 7 लाइनों के माध्यम से भक्तों को रामलला के दर्शन कराए जाएंगे। जबकि सामान्य दिनों में रामलला के दर्शन 4 लाइनों के जरिए होते हैं।