चंडीगढ़: हरियाणा के नवनियुक्त मुख्यमंत्री नायब सैनी ने बुधवार को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट पास कर लिया। सदन में विश्वास मत पर वोटिंग के दौरान जननायक जनता पार्टी (जजपा) के 10 विधायकों के अलावा इनेलाे के अभय सिंह और कांग्रेस की किरण चौधरी अनुपस्थित रहे। विधानसभा में सरकार के विश्वास मत प्रस्ताव पर करीब दो घंटे चर्चा हुई।
विश्वास मत पर वोटिंग से जननायक जनता पार्टी (जजपा) ने अपने विधायकों को अनुपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी किया था, जिसके चलते वोटिंग के समय जजपा के 10 विधायकों के अलावा इनेलो के अभय सिंह व कांग्रेस की किरण चौधरी नदारद रहीं। सदन में जब इस प्रस्ताव पर वोटिंग करवाई गई तो 78 विधायक मौजूद थे। जिसके चलते भाजपा निर्दलीय विधायकों के मदद के बगैर ही सदन में विश्वास का मत हासिल कर लिया। पार्टी के पास खुद के 41 विधायक हैं और 7 में से 6 निर्दलीय विधायकों का समर्थन सरकार के साथ हैं।
महम विधायक बलराज कुंडू ने नए मुख्यमंत्री का स्वागत किया, लेकिन विश्वास मत का समर्थन नहीं किया। सिरसा से हलोपा विधायक गोपाल कांडा भी सरकार के साथ हैं। जजपा के 10 में से 5 विधायक – देवेंद्र सिंह बबली, जोगीराम सिहाग, रामकुमार गौतम, ईश्वर सिंह और रामनिवास सुरजाखेड़ा विधानसभा में तो पहुंचे थे, लेकिन फ्लोर टेस्ट के दौरान सदन में मौजूद नहीं रहे।
ऐसा इसलिए क्योंकि जेजेपी के चीफ व्हिप अमरजीत ढांडा ने व्हिप जारी कर अपने विधायकों को विश्वास प्रस्ताव के दौरान गैर-हाजिर रहने के लिए कहा था। नायब सिंह सैनी ने जैसे से विश्वास प्रस्ताव रखा तो जजपा के 5 विधायक सदन से बाहर निकल गए। इस पर कांग्रेसियों ने चुटकी लेते हुए कहा, आप यहीं बैठिए। बाद में पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने जजपा की ओर से जारी की गई व्हिप को भी गैर-कानूनी बताया।
फ्लोर टेस्ट प्रस्ताव पर पक्ष व विपक्ष के कुल 17 विधायकों ने अपनी बात रखी। कांग्रेस विधायकों की ओर से जहां गुप्त मतदान की मांग की वहीं उन्होंने सरकार को भंग करके विधानसभा के चुनाव करवाने की भी मांग उठाई। विपक्ष के कई विधायकों ने कहा कि प्रदेश में अल्पमत की सरकार है, इसलिए BJP को सत्ता में रहने का अधिकार नहीं है। वहीं, भाजपा विधायकों ने पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की जमकर तारीफ की और नए सीएम का स्वागत किया।
नवनियुक्त सीएम नायब सिंह सैनी ने विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कई बार पूर्व सीएम मनोहर लाल को मुख्यमंत्री कहकर संबोधित किया। इस दौरान कैबिनेट मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने उन्हें कहा भी कि अब उन्हें पूर्व कहें। विपक्ष ने भी इस पर टोका। इस पर सैनी ने कहा, मुझे पता है। इसके बाद भी उन्होंने कई बार मनोहर लाल को मुख्यमंत्री ही बताया। बहुमत प्राप्त करने के बाद सीएम सैनी ने सदन का आभार जताया।