Jalaun News- 14
साल पहले जालौन जिला कारागार में गैंगवार
में दो बंदियों की मौत हो गई थी। इस मामले में बुधवार को जिला जज की न्यायालय में
फैसला सुनाया गया। न्यायाधीश ने इस मुकदमे में नामजद तत्कालीन जेलर समेत 14 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 8 अन्य
आरोपियों को भी दोषी करार दिया है। 8 दोषियों को गुरुवार को सजा सुनाई जाएगी।
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बता दें कि 20
मार्च 2010 को जालौन जिला
कारागार में मुख्तार गैंग के सदस्य प्रिंस अहमद और नासिर की गैंगवार में हत्या कर
दी गई थी। तत्कालीन जेलर नत्थू सिंह सेंगर ने प्रिंस अहमद और उसके साथियों पर जेल
में बम विस्फोट करने एवं बंदियों पर ही उसकी हत्या करने का मुकदमा दर्ज कराया था।
लेकिन गैंगवार में मारे गए नासिर के पिता आयूब खान ने 28 मार्च 2010 को जेल कर्मी राजकुमार, नृपेंद्र, राम अवतार, अनिल शर्मा, डिप्टी जेलर मिश्रा जी, तत्कालीन जेलर
नत्थू सिंह, जेल अधीक्षक अविनाश गौतम के विरुद्ध तहरीर
दी।
नासिर के पिता आयूब खान ने आरोप लगाया था कि अवैध
वसूली न देने पर उसके पुत्र नासिर और बंदी प्रिंस अहमद की जेल अधीक्षक और डिप्टी
जेलर के कहने पर हत्या की गई है। इस हत्या में सुघर सिंह, सत्यभान उर्फ लाला, राजा भैया, मुन्ना, राजू तितर, राम नारायण, राम औतार, राजकुमार, नृपेंद्र, अनिल शर्मा को आरोपी बनाया गया था। इन पर आरोप लगाया गया था कि मारपीट कर हत्या की है। पुलिस ने तहरीर के आधार पर सभी आरोपियों
के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज करने के बाद मामले की विवेचना की। जिसके बाद सुघर सिंह, सत्यभान उर्फ लाला, राजा भैया, राजू तीतर, अखिलेश, मुन्ना केवट, राम नारायण, जेलर नत्थू सिंह सेंगर , राम मनोरथ, राम शरण, राजकुमार, नृपेंद्र, अनिल शर्मा, शशिकांत तिवारी जेल अधीक्षक अविनाश गौतम के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की।
14 साल चले ट्रायल के बाद बुधवार को सुनवाई पूरी हो गई। जिला
शासकीय अधिवक्ता लखन लाल निरंजन ने बताया कि जिला जज लल्लू सिंह ने सभी आरोपियों
को दोषी करार दिया है। तत्कालीन जेलर नत्थू सिंह समेत 14 लोगों को आजीवन कारावास एवं एक-एक लाख रुपए के जुर्माने की
सजा सुनाई है।