हिंद महासागर क्षेत्र में सहयोगात्मक साझेदारी को बढ़ावा देने के मकसद से भारतीय सेना के जवान अगले 10 दिनों तक सेशेल्स की सेना के साथ संयुक्त युद्धाभ्यास करेंगे। ‘लामितिये 2024’ कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए भारतीय सेना के 45 जवान सेशेल्स के लिए रवाना हो गए हैं। भारतीय सेना,, सेशेल्स के एक सैन्य अड्डे पर वहां के सैनिकों के साथ आज 18 मार्च से 27 मार्च तक युद्धाभ्यास करेगी।
युद्ध कौशल, अभ्यास और अनुभव का होगा आदान-प्रदान
रविवार को भारतीय सेना ने कहा कि ये युद्धाभ्यास दोनों देशों की सेनाओं के बीच कौशल, अनुभव और अभ्यासों के आदान-प्रदान के अलावा द्विपक्षीय सैन्य संबंधों का भी निर्माण करेगा और उन्हें प्रोत्साहन देगा। ये अभ्यास सहयोगात्मक साझेदारी को भी बढ़ावा देगा और दोनों पक्षों के बीच सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने में मदद करेगा। दरअसल सेशेल्स हिंद महासागर क्षेत्र में करीब 115 द्वीपों का एक रणनीतिक रूप से स्थित द्वीप समूह है। सेशेल्स,, भारत के साथ रक्षा सहयोग को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
आधुनिक उपकरणों का होगा प्रदर्शन
संयुक्त युद्धाभ्यास के दौरान दोनों देश आधुनिक उपकरणों और प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन करेंगे। दोनों सेनाएं आने वाले संभावित खतरों को विफल करने के लिए सामरिक अभ्यासों की एक शृंखला को संयुक्त रूप से प्रशिक्षित और कार्यान्वित करेंगी।
18 से 27 मार्च तक ‘लामितिये 2024’ कार्यक्रम
भारतीय सेना के 45 वीर जवानों की एक टुकड़ी रविवार को सेशल्स के लिए रवाना हो गई। बता दें कि सेशेल्स में भारतीय सेना ‘लामितिये 2024’ कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए गई है। सेशेल्स के सैन्य अड्डे पर अगले 10 दिनों तक 18 से 27 मार्च तक ये संयुक्त युद्धाभ्यास होगा। ‘लामितिये’ एक द्विवार्षिक प्रशिक्षण कार्यक्रम है और 2001 से इसका आयोजन सेशेल्स में हो रहा है।
लामितिये का मतलब ‘दोस्ती’
सेशल्स की भाषा क्रियोल में लामितिये का मतलब होता है दोस्ती। इसलिए इस युद्धाभ्यास का मुख्य फोकस रक्षा सहयोग को बढ़ाना है। इस संयुक्त युद्धाभ्यास के दौरान भारत के 45 जवान और सेशेल्स डिफेंस फोर्सेज यानि एसडीएफ के भी इतने ही सैन्यकर्मी हिस्सा लेंगे। इस 10 दिवसीय संयुक्त सैन्य अभ्यास में फील्ड प्रशिक्षण अभ्यास, युद्ध चर्चा और प्रदर्शन शामिल होंगे।