नई दिल्ली: दिल्ली आबकारी नीति मामले में अरविंद केजरीवाल की परेशानियां बढती नजर आ रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच में तेलंगाना के पूर्व सीएम केसीआर की पुत्री के. कविता के साथ दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल का भी नाम जुड़ा है। माना जा रहा है कि कविता की गिरफ्तारी के बाद ED ने जो स्टेटमेंट जारी किया है उससे अरविंद केजरीवाल की मुसीबतें बढ़ सकती हैं।
ED के अनुसार, जांच में यह बात सामने आई है कि दिल्ली की नई आबकारी नीति से लाभ प्राप्त करने के लिए के. कविता ने आम आदमी पार्टी के संयोजक व दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल और पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के साथ मिलकर साजिश रची थी।
जांच में यह बात भी सामने आ रही है कि आबकारी नीति से आम आदमी पार्टी के नेताओं को 100 करोड़ रुपये पहुंचाए गए। नई शराब नीति के तहत शराब कारोबारियों ने रिश्वत के रूप में करोड़ों रुपये आप नेताओं तक पहुंचाए। सुनियोजित रणनीति के तहत, साउथ लॉबी द्वारा पहले दी गई करोड़ों की रिश्वत को शराब पर लाभ दर बढा कर वसूला और दोगुना लाभ कमाने की योजना थी।
हालांकि, ED के इन आरोपों को आम आदमी पार्टी निराधार बता रही है। आप नेताओं का कहना है कि ED के पास अरविंद केजरीवाल के खिलाफ ऐसा कोई भी सबूत नहीं है। AAP का कहना है कि मामला कोर्ट में है, तो ईडी प्रतीक्षा क्यों नहीं कर रही। दिल्ली की वित्त मंत्री और आप नेता आतिशी ने कहा कि BJP अरविंद केजरीवाल से डरी हुई है। इसीलिए किसी भी कीमत पर केजरीवाल को गिरफ्तार करवाना चाहती है।
जानिए क्या है दिल्ली शराब नीति मामला?
दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने 2021 में शराब विक्रेताओं के लिए एक नई नीति बनाई थी। इस नई नीति के अनुसार, शराब के स्टोर बेचने के लिए प्राइवेट दुकानों को शराब लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आवेदन करने की अनुमति दी गई थी। नए नियमों को बनाने के पीछे दिल्ली सरकार का तर्क था कि इससे शराब की कालाबाजारी रुकेगी। साथ ही राजस्व बढ़ेगा और ग्राहकों को फायदा होगा। नई नीति के अनुसार, शराब दुकानों को आधी रात के बाद भी खोलने की अनुमति दी गई थी।