Varanasi News- गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित कराने के उद्देश्य और गोकशी
बंद कराने के लिए पदयात्रा की शुरुआत की गई। इस पदयात्रा की शुरुआत
ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के समर्थन में गुरुवार को
भट्टब्राह्मण महासभा काशी ने पदयात्रा निकाली। बता दें कि वाराणसी के पहड़िया
इलाके में पदयात्रा के बाद क्षेत्र में स्थित एक निजी अस्पताल में गौसभा का भी
आयोजन किया गया।
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भट्ट ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष पं बसन्त राय भट्ट
ने बताया कि बिना देशी गौमाता के सनातन धर्म की कल्पना नही की जा सकती है। उन्होंने
कहा कि गौमाता को सगुण ब्रह्म का प्रतिनिधि कहा जाता है, क्योंकि उनके अंदर 33 कोटि देवी देवता विराजमान हैं। उन्होंने कहा कि साजिश के
तहत देशी गौमाता के रामा नस्ल को नष्ट किया जा रहा है। इसलिए सौ करोड़ सनातनियों को
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के सानिध्य में गौरक्षार्थ एकजुट
होना चाहिए।
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डॉ हरिद्वार शर्मा ने बताया कि देशी गौमाता का
विशेष महत्व है। यदि हम देशी गौ माता को न बचा सके तो हमारा राष्ट्र नष्ट हो जाएगा
और हमारी आने वाली पीढ़ियां हमें कभी क्षमा नही करेंगी। इस गोष्ठी की अध्यक्षता पं
नंदलाल द्वारा की गई। कार्यक्रम का संचालन पं. महेंद्र नाथ शर्मा ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. शेषनाथ राय ने किया।
इस पदयात्रा में संजय पांडेय ने बताया कि शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद
गौमाता राष्ट्र माता प्रतिष्ठा आंदोलन के अंतर्गत वृंदावन से दिल्ली तक नंगे पांव 15 दिवसीय पदयात्रा कर रहे है।