Meerut News– उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में पुलिस द्वारा वाराणसी के शिक्षक की गोली मारकर
हत्या कर दी गई थी। जिसके विरोध में शनिवार को शिक्षकों ने यूपी बोर्ड की कॉपियों के
मूल्यांकन का बहिष्कार किया। विरोध प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों का कहना
है कि जब तक उन्हें सुरक्षा नहीं मिलेगी और उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा, वो मूल्यांकन काम नहीं करेंगे। बता दें कि 18 मार्च को पुलिस सिपाही द्वारा रायबरेली के शिक्षक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद से प्रदेश पर में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।
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यूपी बोर्ड की कॉपियां
लेकर मुजफ्फरनगर आए शिक्षक धर्मेंद्र कुमार की एक सिपाही ने गोली मारकर हत्या कर दी
थी। इस हत्या के विरोध में उत्तर प्रदेश में शिक्षक संगठन आंदोलन कर रहे हैं। शनिवार
को भी मेरठ समेत कई जिलों में शिक्षकों ने बोर्ड परीक्षा की कॉपियों के मूल्यांकन के
काम का बहिष्कार किया। मेरठ में शिक्षकों ने कार्य बहिष्कार करके धरना प्रदर्शन किया।
विरोध प्रदर्शन कर
रहे शिक्षकों का कहना है कि जब तक उन्हें सुरक्षा नहीं मिलेगी और उनकी मांगों को पूरा
नहीं किया जाएगा, वो मूल्यांकन काम नहीं करेंगे। शिक्षकों
ने कहा कि वे जान जोखिम में डालकर बोर्ड परीक्षाओं का कार्य कर रहे हैं। इसके बाद भी
पुलिसकर्मी ही शिक्षकों की जान ले रहे हैं। इससे पूरे प्रदेश के शिक्षकों में आक्रोश
है। राजकीय शिक्षक संघ के विपिन भारद्वाज ने मांग करते हुए कहा है कि मृतक शिक्षक के
परिजनों को एक करोड़ रुपए और एक परिजन को सरकारी नौकरी दी जाए। उन्होंने कहा कि अभी
तक हमारी मांग को पूरा नहीं किया गया है। कई बार मांग करने के बाद भी उसे अनसुना किया
जा रहा है। शिक्षकों को मनाने के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक भी पहुंचे और कहा कि उनकी
मांगों को शासन तक पहुंचा दिया गया है।