नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा 2 साल पहले इस्तेमाल किया गया फोन गायब है। ED का कहना है शराब घोटाला मामले में इस मोबाइल का प्रयोग किया गया। सूत्रों ने बताया कि मोबाइल के बारे में पूछे जाने पर अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि उन्हें नहीं पता कि वह मोबाइल कहां है। ईडी के सूत्रों ने कहा कि यह 171वां फोन होगा, जिसमें संभवत: दिल्ली शराब मामले से संबंधित प्रासंगिक डेटा हो सकता है, लेकिन यह सभी फोन नहीं मिल रहे हैं।
ईडी ने दावा किया है कि इससे पहले 36 आरोपियों के 170 ऐसे मोबाइल फोन का पता नहीं लग पाया है। अब तक जांच एजेंसी 17 मोबाइल फोन्स का पता लगाने में कामयाब रही है। इन मोबाइलों से तमाम डेटा बरामद हुआ है। ईडी ने अपने आरोप पत्र में उल्लेख किया है कि आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसौदिया को आरोपी के रूप में नामित किया गया है।
जांचकर्ताओं का आरोप है कि सबूत मिटाने के लिए बाकी फोन तोड़ दिए गए हैं। एजेंसी ने आरोप पत्र में कहा था कि अब तक, फोन और लैपटॉप ने मामले में अधिकतम सबूत उपलब्ध कराए हैं। एजेंसी ने कहा है मई 2022 और अगस्त 2022 के बीच सबसे ज्यादा आरोपियों ने अपने फोन और लैपटॉप बदले हैं।
AAP ने ईडी के इन दावों को मजाक बताया है। पार्टी ने आरोप लगाया कि प्रवर्तन निदेशालय की जांच भाजपा कार्यालय से की जाती है। AAP ने आरोप लगाया कि प्रवर्तन निदेशालय भाजपा का राजनीतिक भागीदार है।
दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने ईडी की आलोचना करते हुए पूछा है कि क्या वह राजनीतिक दल हैं जो खबरें गढ़ता है। ईडी को एक स्वतंत्र जांच एजेंसी माना जाता है। अगर उसे कुछ कहना है, तो उन्हें आरोप पत्र दायर करना चाहिए और न्यायाधीश के सामने कहना चाहिए। भाजपा ईडी के पीछे छिपकर अपनी राजनीतिक और चुनावी लड़ाई लड़ रही है।
उन्होंने कहा कि मैं ईडी के सभी अधिकारियों से कहना चाहती हूं कि संविधान और कानून ने आपको कुछ शक्ति दी है। इसलिए इस संविधान का उल्लंघन न करें। संविधान की हत्या न करें। आप भाजपा के सहायक संगठन नहीं हैं। आप एक देश के कानून के तहत बनाई गई स्वतंत्र जांच एजेंसी हैं। बता दें कि शराब घोटला नीति मामले में ईडी ने दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया है। कोर्ट ने उन्हें 28 मार्च तक ईडी के हिरासत में भेजा है।