New Delhi: पतंजलि भ्रामक विज्ञापन मामले में योग गुरु बाबा रामदेव, पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण आज मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए। जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने सुनवाई करते हुए कहा कि मामले में पेश दोनों का हलफनामा कहां है? इस पर रामदेव के वकील ने कहा कि दोनों लोगों ने माफी मांग ली है, और दोनों कोर्ट में उपस्थित हैं।
रामदेव के वकील बलबीर ने कोर्ट में कहा कि भविष्य में अब ऐसा नहीं होगा। पहले जो गलती हुई, उसके लिए माफी मांगते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इसपर कहा कि सर्वोच्च अदालत ही नहीं, देश की किसी भी अदालत का आदेश हो, उसका उल्लंघन नहीं होना चाहिए। कोर्ट ने पतंजलि की माफी को स्वीकार नहीं किया। अदालत ने कहा कि आपने क्या किया है, उसका अंदाजा आपको नहीं है। हम अवमानना की कार्रवाई करेंगे।
अब इस मामले में 10 अप्रैल को दोबारा सुनवाई होगी। जिसमें बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को कोर्ट में उपस्थित रहना होगा।
पतंजलि भ्रामक विज्ञापन मामले में न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ के सामने ये सुनवाई हुई। कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद के उत्पादों और उनके चिकित्सकीय प्रभावों के विज्ञापनों से संबंधित अवमानना कार्यवाही के मामले में 19 मार्च को रामदेव और बालकृष्ण से व्यक्तिगत रूप से न्यायालय के समक्ष पेश होने को कहा था।
पीठ ने कंपनी और बालकृष्ण को पहले जारी किए गए अदालत के नोटिस का जवाब दाखिल न करने पर कड़ी आपत्ति भी जताई थी। आज कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस हिमा कोहली ने कहा कि पहले जो हुआ, उसके लिए आप क्या कहेंगे? इस पर बाबा रामदेव का पक्ष रख रहे वकील ने कहा कि अब भविष्य में ऐसा नहीं होगा। पहले जो गलती हुई उसके लिए माफी मांगते हैं। इसपर कोर्ट ने कहा कि आपने गंभीर मामलों का मजाक बना रखा है।
आपको पता लगना चाहिए कि अदालत के आदेश का उल्लंघन करने का नतीजा क्या होता है।आपने कोर्ट को अंडरटेकिंग देने के बाद भी उसका उलंघन किया। जिसका परिणाम आपको भुगतना पड़ेगा। अब इस मामले में 10 अप्रैल को दुबारा सुनवाई होंगी।
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