बुधवार को ताइवान में 7.5 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए। इन भूकंप के झटकों को बीते 25 सालों में ताइवान का सबसे भीषण भूकंप माना जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस भूकंप में अबतक 7 लोगों की मौत हो चुकी है और 730 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। मृतकों का ये आंकड़ा अभी और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
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रिपोर्ट्स के अनुसार,, भूकंप ईस्ट ताइवान के हुलिएन शहर में आया। इसका केंद्र धरती से 34 किलोमीटर नीचे था। भारतीय समय के अनुसार सुबह करीब साढ़े पांच बजे ये झटके महसूस किए गए। कई इमारतें जमींदोज हो गईं और लैंड स्लाइड भी हुई है। वहीं, कई लोगों के मलबे में फंसे होने की खबर है। फिलहाल रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
अगले कुछ दिनों में भूकंप के और झटकों की आशंका
रिपोर्ट्स के अनुसार भूकंप के ये झटके पूरे ताइवान के आसपास के द्वीपों पर भी महसूस किए गए हैं। अगले कुछ दिनों में भूकंप के और झटके आने की आशंका है।
इससे पहले ताइवान में 1999 में आया था सबसे तेज भूकंप
इससे पहले 1999 में ताइवान के नोनतू काउंटी में 7.6 तीव्रता का भूंकप आया था, जिसमें 2500 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और 1300 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। बता दें कि चीन,, ताइवान को अपना हिस्सा बताता है। लेकिन ताइवान अपने आपको स्वतंत्र कहता है।
जापान, फिलीपींस और चीन में भी महसूस हुए झटके
भूकंप के झटके इतने जबरदस्त थे कि इन्हें जापान, फिलीपींस और चीन में भी महसूस किया गया। भूकंप के बाद ताइवान, जापान और फिलीपींस ने सुनामी का अलर्ट भी जारी किया था। जापान के मौसम विभाग ने समुद्र में 3 मीटर यानि करीब 10 फीट तक लहरें उठने का अनुमान लगाया था। हालांकि जापान और फिलीपींस ने अब सुनामी अलर्ट को हटा दिया है। इससे पहले जापान में एक जनवरी 2024 को 7.6 तीव्रता के भूकंप के झटके आए थे। इन झटकों के बाद यहां सुनामी भी आई थी।
जापान में क्यों आता है सबसे ज्यादा भूकंप
जापान भूकंप के लिहाज से काफी सेंसिटिव जोन में आता है। जापान दो टेक्टोनिक प्लेटों के जंक्शन के पास स्थित है। जहां भूकंप के झटके महसूस किए गए, वो ओकिनावा प्रांत,,,महासागर के चारों ओर भूकंपीय फॉल्ट लाइनों की एक घोड़े की नाल के आकार की श्रृंखला- रिंग ऑफ फायर के करीब स्थित है। रिंग ऑफ फायर एक ऐसा इलाका होता है जहां कॉन्टिनेंटल प्लेट्स के साथ ओशियेनिक टेक्टॉनिक प्लेट्स भी मौजूद रहती हैं। ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं तो भूकंप की स्थिति पैदा होती है। इनके असर से सुनामी आती है और वोल्केनो भी फटते हैं। करीब 90% भूकंप इसी रिंग ऑफ फायर में आते हैं। यह क्षेत्र 40 हजार किलोमीटर में फैला है। विश्व में जितने भी सक्रिय ज्वालामुखी हैं, वो इन्हीं 75% क्षेत्र में आते हैं। बता दें कि विश्व के 15 देश जिनमें जापान, रूस, फिलीपींस, इंडोनेशिया, न्यूजीलैंड, अंटार्कटिका, कनाडा, अमेरिका, मैक्सिको, ग्वाटेमाला, कोस्टा रिका, पेरू, इक्वाडोर, चिली और बोलिविया रिंग ऑफ फायर एरिया में आते हैं।
विश्व में हर साल आते हैं करीब 20 हजार भूकंप के झटके
नेशनल अर्थक्वेक इनफॉर्मेशन सेंटर हर साल करीब 20,000 भूकंप रिकॉर्ड करता है। इसमें से 100 भूकंप ऐसे होते हैं जिनसे नुकसान ज्यादा होता है। अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा देर तक बने रहने वाला भूकंप 2004 में हिंद महासागर में आया था। जो 10 मिनट तक रहा था।