नई दिल्ली: राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया जयंत चौधरी पूरी ताकत के साथ NDA गठबंधन के प्रत्याशियों को जिताने में लगे हैं। जिससे सपा खेमे में खलबली मची हुई है। जयंत चौधरी के चुभने वाले प्रहारों से सपा प्रमुख अखिलेश यादव परेशान हैं। पश्चिम यूपी की करीब 24 लोकसभा सीटों पर जाट मतदाताओं की भूमिका महत्वपूर्ण रहती है। इस को लेकर जयंत चौधरी ने कमर भी कस ली है। जयंत इन सभी सीटों पर एनडीए प्रत्याशियों को जिताने के लिए खूब मेहनत कर रहे हैं। जिससे अखिलेश परेशान हैं। उन्हें पता है 35 लाख जाट मतदाता जयंत के कहने पर अगर बीजेपी के पाले में चले गए तो सपा के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है।
इसीलिए अखिलेश यादव जयंत चौधरी पर निशाना साध रहे हैं। अखिलेश ने कुछ दिनों पहले पत्रकारों से बातचीत करते हुए जयंत चौधरी पर हमला बोला था। उन्होंने कहा था, ‘हो सकता है कि प्रधानमंत्री जी ने पूछा हो कि यह चवन्नी कौन है।’ दरअसल, जब जयंत विपक्षी गठबंधन में थे तब उन्होंने कहा था कि वह चवन्नी नहीं हैं जो पलट जाएंगे। अखिलेश के बयान पर पलटवार करते हुए जयंत चौधरी ने कहा था कि वह पलटे नहीं हैं बल्कि उन्होंने पटखनी देकर आए हैं।
जयंत ने पूर्व सीएम अखिलेश यादव का नाम लिए बिना उन पर निशाना साधा और कहा ‘कल-परसों की बात है, प्रदेश के जो मुख्यमंत्री रहे हैं, उनका भी एक बयान मैंने सुना। अब तक मैं उनके लिए कुछ बोला नहीं हूं। वह भले ही गाली-गलौज करना चाह रहे हो, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। लेकिन, मैं एक बात बता देना चाहता हूं, लोगों से मेरी खास अपील है कि हम लोगों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। इन्हें बता दें। ऐसा वोट दें कि वे जान जाएं कि मैं पलटा नहीं हूं। इसे पलटना नहीं कहते, इसे पटखनी मारना कहते हैं।’ जयंत ने कहा कि उन्हें मल्ल विद्या थोड़ी-बहुत मालूम है। थोड़ी-बहुत मैं भी जानता हूं।
अखिलेश और जयंत के बीच यह वाक युद्ध अभी शांत भी नहीं हुआ था और सपा प्रमुख ने एक बार फिर से जंयत को छेड़ दिया। उन्होंने एक कार्यक्रम में जंयत चौधरी के लेकर किए गए एक सवाल का जबाव देते हुए कहा कि हम उन्हें 5 से 7 सीटें देना चाहते थे, लेकिन वह 2 पर ही मान गए। अखिलेश के इस बयान पर पलटवार करते हुए जयंत चौधरी ने कहा कि विपक्षी हमें बेगम देकर राजा को मारना चाह रहे थे। अखिलेश तो हमें छह और सात का गणित सिखा रहे थे, गठबंधन में एक और एक ग्यारह होता है।
यह भी पढ़ें: BJP के साथ जाने के सवाल पर बोले जयंत, कहा- ‘मैं अब किस मुंह से इनकार करूं….’
जयंत ने कहा कि शतरंज के खेल में सामने वाले को कमजोर कर मात देनी पड़ती है। अखिलेश का बिना नाम लिए जयंत ने कहा कि विपक्षी हमें मात देना चाहते थे, लेकिन हमें कोई मलाल नहीं। उनकी अपनी ज़िम्मेदारी है और हमारी अपने लोगों के प्रति जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि कभी-कभी जनता फैसला लेती है और नेता को मानना पड़ता है।