भारत की अध्यक्षता
में मंगलवार को शंघाई सहयोग संगठन यानि एससीओ का शिखर सम्मेलन वर्चुअल
माध्यम से आयोजित किया गया. इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद
और खाद्य सुरक्षा जैसे कई बड़े मुद्दों को उठाया. सम्मेलन के अंत में जारी
घोषणापत्र में भारत ने चीन के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव का
समर्थन करने वाले पैराग्राफ पर अपनी सहमति देने से इंकार कर दिया.
इस घोषणापत्र में
बीआरआई यानि बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव को लेकर एक पैराग्राफ में यह लिखा है कि “चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव को
कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान अपने समर्थन
की पुष्टि करते हैं. ये देश परियोजना को संयुक्त रूप से लागू करने के लिए चल रहे
काम का समर्थन करते हैं, जिसमें यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन (बेलारूस, रूस,
कजाकिस्तान, किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान का आर्थिक संघ) और बीआरआई को जोड़ने के
प्रयास भी शामिल हैं.’ हालांकि चीन के
इस प्रोजेक्ट का कई देशों ने समर्थन भी किया है.
दरअसल साल 2022 में भी भारत ने समरकंद घोषणा में चीनी प्रोजेक्ट का समर्थन
करने वाले एक पैराग्राफ का विरोध करते हुए हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया था. भारत हमेशा से ही चीन
के बीआरआई प्रोजेक्ट का विरोध करता आया है. आपको बता दें कि इस प्रोजेक्ट के जरिए
चीन मध्य-पूर्व, अफ्रीका और यूरोप से जमीन और समुद्र के जरिए संपर्क बढ़ाने के लिए
कई प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा है. चीन इसी प्रोजेक्ट के तहत पाकिस्तान में
चाइना-पाकिस्तान इकॉनोमिक कॉरिडोर पर काम कर रहा है, जिसपर भारत का कहना है कि ये भारत
की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का उल्लंघन करता है.