चीन ने अरुणाचल प्रदेश के कुछ खिलाड़ियों को स्टेपल्ड वीज़ा जारी किया है, जिसपर भारत ने कड़ी आपत्ति प्रकट की है। स्टेपल वीज़ा जारी किए जाने के बाद भारत ने विश्वविद्यालय खेलों में भाग लेने के लिए चीन गई भारतीय वुशू टीम को प्रतियोगिता में भाग लेनेे से रोक दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि इन खिलाड़ियों को चीन में एक अंतर्राष्ट्रीय आयोजन में देश का प्रतिनिधित्व करना था, इसलिए भारतीय पासपोर्ट धारक, हर भारतीय नागरिक के साथ समान व्यवहार होना चाहिए। वीज़ा व्यवस्था में भेदभाव भारत किसी भी हाल में स्वीकार नहीं करेगा।
क्या होता है स्टेपल्ड वीज़ा: आमतौर पर किसी देश में यात्रा करने के लिए आपको उस देश से अनुमति लेनी पड़ती है, जो वीजा के रूप में मिलती है। यात्रा के उद्देश्य के हिसाब से वीजा बदलते हैं। जैसे- बिजनेस वीजा, पार्टनर वीजा, ऑन अराइवल वीजा। इसको लेकर अलग-अलग देशों में नियम भी अलग-अलग हैं। चीन में इसी तरह का एक वीजा जारी किया जाता है। जिसे नत्थी यानी स्टेपल्ड वीजा कहा जाता है। इस वीजा में यात्री के पासपोर्ट पर इमिग्रेशन ऑफिसर कोई स्टैम्प नहीं लगाता। इसे एक पर्ची के रूप में पासपोर्ट में स्टेपल यानी नत्थी कर दिया जाता है। इस पर्ची में यह साफतौर पर लिखा होता है कि यात्री देश में किस उद्देश्य से आ रहा है। पासपोर्ट में अलग से पर्ची को जोड़ने के लिए स्टेपलर का सहारा लिया जाता है, इसके कारण ही इसका नाम स्टेपल्ड वीजा पड़ा।