देशभर में साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में कई स्टार्टअप काम कर रहे हैं। जल्द से जल्द इन स्टार्टअप्स के द्वारा विकसित तकनीक का प्रयोग सुरक्षा तंत्र के रूप में काम शुरू कर देगा। IIT कानपुर द्वारा विकसित तकनीक का प्रयोग पूरे देश में साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में किया जाएगा। यह जानकारी मंगलवार को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर के SIIC के प्रभारी प्रोफेसर अंकुश शर्मा ने दी।
उन्होंने बताया कि IIT कानपुर 41 ऐसे स्टार्टअप विकसित कर रहा है जो पूरे देश में साइबर अपराध रोकने के साथ ही सुरक्षा प्रदान करने में जो मजबूती देंगे। इस कार्य के लिए संस्थान ने विभिन्न माध्यमों से 902 लाख रुपये का फंड एकत्र किया है। जिससे स्टार्टअप को अत्याधुनिक तकनीक से मजबूत करेगा।
उन्होंने बताया कि इंक्यूबेशन एंड इनोवेशन केंद्र इस अक्टूबर माह को साइबर सिक्योरिटी अवेयरनेस मंथ के रूप में मना रहा है। इस अभियान के तहत संस्थान ने साइबर सुरक्षा को चार भागों में बांटा है। जिनके मुताबिक स्टार्टअप विकसित किए जा रहे हैं। पहला सिक्योरिटी इंफ्रास्ट्रक्चर एंड मैनेजमेंट और दूसरा साइबर हमले को चिन्हित करने के साथ ही बचने हेतु उपाय करना तथा तीसरा डाटा एवं प्राइवेसी सुरक्षा प्रदान करना एवं चौथी तकनीक विकसित करने के साथ ही जागरुक करना है।
क्या है साइबर अपराध ?
साइबर अपराध यानी डिजिटल चोरी या ऑनलाइन की गई धोखाधड़ी है। साइबर हमले को कंप्यूटर सिस्टम, नेटवर्क और टेक्नोलॉजी के जरिए अंजाम दिया जाता है। यह ऐसी ऑनलाइन ठगी है जिसका शिकार कोई व्यतिगत शख्स, कोई कंपनी और यहां तक की सरकार भी हो सकती है। साइबर हमलों का मकसद गोपनीय जानकारी चुराने से लेकर महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को बाधित करने और ऑनलाइन फिरौती मांगने जैसा कुछ भी हो सकता है। साइबर अटैक करने वाले अपराधी फिशिंग स्कैम, मालवेयर और कई प्रकार की हैकिंग के तरीकों को अपना सकते हैं। टेक्नोलॉजी के विकास के साथ ऑनलाइन की जाने वाले हमले भी बढ़ने लगे हैं।
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