Lucknow News: उत्तर प्रदेश के वाणिज्य कर विभाग
में हुए ट्रांसफर में नियमों और नीतियों की जमकर धज्जियां उड़ाई गई हैं। जिसमें आरोप है कि, सपा नेताओं के रिश्तेदारों को मलाईदार
पदों पर तैनाती दी गई है। मुख्यमंत्री से शिकायत होने के बाद वाणिज्य कर विभाग में
हड़कंप मचा हुआ है।
मुख्यमंत्री को भेजे गए शिकायती पत्र में
मलाईदार पदों पर सपा नेताओं के रिश्तेदार अधिकारियों को नियम विरुद्ध तैनाती दी गई
है। इन तैनातियों में प्रदेश सरकार के नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई गई हैं।
हाल
ही में जारी असिस्टेंट कमिश्नरों की सूची में प्रवीण गुप्ता को अगेंस्ट पॉलिसी
आगरा से बाराबंकी सचल दल में मलाईदार पद पर तैनाती दी गई है। डिप्टी कमिश्नरों की
तबादला सूची में भी ट्रांसफर पॉलिसी को दरकिनार करके अधिकारियों को तैनाती दी गई
है। इसमें सपा नेताओं के रिश्तेदारों को खुशी हो रही है।
एक सपा नेता
के दामाद को कानपुर में मलाईदार पद पर तैनाती मिली है। नोएडा
खंड-10 में सपा नेता के
रिश्तेदार रवि प्रकाश द्वितीय को तैनाती दी गई है। इसी तरह से दो अन्य डिप्टी
कमिश्नर को नियम विरुद्ध लखनऊ और कानपुर में महत्वपूर्ण पदों पर तैनात किया गया
है।
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इसी तरह से एक महिला अधिकारी को भी नियम विरुद्ध कानपुर में डिप्टी कमिश्नर (SIB) पद पर तैनात किया गया है। इसी तरह से
फूलपुर के पूर्व सपा विधायक के दामाद को भी मलाईदार पद दिया गया है। एक एडिशनल
कमिश्नर ग्रेड-2 ने अपने
घोटाले के मामले का प्रबंध करा लिया है।
ये अधिकारी प्रदेश सरकार
की छवि को धूमिल करने में लगे हैं। शिकायत में इन सभी मामलों की गहनता से जांच
कराकर कार्रवाई करने की मांग की गई है। इन तबदलों को लेकर एक अज्ञात शिकायतकर्ता
का पत्र वायरल हुआ है, जिसके चलते विभाग स्तर पर खलबली मची हुई है।
इस संबंध में वाणिज्य कर जनसंपर्क अधिकारी
डी.के. वर्मा ने बताया कि विभाग में कोई भी तबदला बिना शासन स्तर की स्वीकृति के
नहीं होता है। इसमें पूरी तरह से नियमों पर पारदर्शिता होती है। हालांकि जिन
तबादलों पर सवाल उठाए जा रहे हैं, उसका विभागीय स्तर पर कोई भी लेना देना नहीं है। उन्होंने इस
शिकायत की जानकारी से भी इंकार किया।