सऊदी अरब ने अपने देश में गाजा और फिलिस्तीन के समर्थन में होने वाली दुआओं पर लगाम लगाने के लिए सख्ती दिखाई है। सऊदी में इस्लामिक तीर्थ स्थलों पर आने वाले जायरीनों को गाजा और फिलिस्तीन के समर्थन में दुआ करते देख वह के सुरक्षा बल हिरासत में ले रहे हैं। मामले में इस्लाम के दो सबसे पवित्र स्थलों मक्का और मदीना से जुड़ा है। यहाँ कई लोगों को हिरासत मे लिया गया है।
अंतर्राष्ट्रीय न्यूज चैनल ‘मिडिल ईस्ट आई’ की एक न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, एक ब्रिटिश एक्टर और टीवी प्रजेंटर इस्लाह अब्दुर-रहमान यहाँ जायरीन को मक्का में तीर्थ यात्रा के दौरान ‘फिलिस्तीनी काफिया (स्कार्फ) ‘ पहनने और फिलिस्तीनी रंग की ‘तस्बीह (माला)’ ले जाने के लिए हिरासत में लिया गया था। इस्लाह अब्दुर-रहमान ने मीडिया से अपना अनुभव साझा किया। उन्होंने बताया कि मेरे सिर के चारों ओर एक सफेद काफिया (स्कार्फ) और मेरी कलाई के चारों ओर एक फिलिस्तीनी रंग की तस्बीह (माला) पहनने के कारण चार सैनिकों ने मुझए रोक दिया। वे मुझे एक पूछताछ के लिए एक दूसरी जगह लेकर गए।
फिलिस्तीनी स्कार्फ उतारने के बाद मिली रिहाई
इस्लाह अब्दुर-रहमान ने मीडिया को जानकारी दी कि सऊदी सुरक्षा बलों का ध्यान उसके स्कार्फ पर ही था, क्योंकि इसकी जांच करते समय उन्होंने बार-बार ‘फिलिस्तीनी काफिया’ का जिक्र किया था। आखिरकार उसे रिहा कर दिया गया लेकिन काफिया न पहनने की चेतावनी दी गई। उन्होंने कहा, “आखिरकार, जब मुझे जाने दिया गया, तो एक वर्कर मेरे पास आया, मेरा काफिया उठाया और कहा, ‘यह अच्छा नहीं है, इजरायल-फिलिस्तीन अच्छा नहीं है, इसलिए इसे मत पहनो, इसकी अनुमति नहीं है।” काफिया को पीछे छोड़ने से पहले उन्होंने एक रिलीज फॉर्म पर हस्ताक्षर कराए और उनकी उंगलियों के निशान लिए।
सऊदी में गाजा के समर्थन में दुआ पर रोक
उन्होंने आगे बताया ‘इस उमरा यात्रा का अनुभव बेहद डरावना रहा इससे मेरा दिल टूट गया है। उन्होंने कहा कि फिलिस्तीनी दिन रात जो सहते हैं, उसके प्रति वो सहानुभूति रखते हैं। यह घटना गाजा में चल रही हिंसा के बीच हुई, जिसमें इजरायली हमलों में 4,000 से अधिक बच्चों सहित 11,000 से अधिक फिलिस्तीनी नागरिकों की मौतें हुईं हैं। अब्दुर-रहमान ने अपनी निराशा व्यक्त की, विशेषकर एक पूजा स्थल के संदर्भ में। उन्होंने फिलिस्तीनियों की दुर्दशा और उनकी आवाज की कमी को उजागर करने के लिए इंस्टाग्राम पर अपना अनुभव साझा किया।
अल्जीरियाई नागरिक भी हिरासत में लिया गया
सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इस संबंध में अनुभव साझा किये हैं। अब्दुर-रहमान ने भी सोशल मीडिया के माध्यम से बताया कि उन्हें वहाँ रोक गया। जिसके बाद सोशल मीडिया पर कई सऊदी अरब के नागरिक उसे नफरत भरे संदेश भेज रहे हैं। इसी तरह की कई और घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं। कुछ दिनों पहले फिलिस्तीनियों के लिए प्रार्थना करने पर सऊदी अरब में एक अल्जीरियाई व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया था। मिडिल ईस्ट आई की रिपोर्ट में कहा गया कि उस अल्जीरियाई नागरिक को छह घंटे तक हिरासत में रखा गया और पूछताछ की गई। बाद में गाजा के लिए उसकी प्रार्थना वाले वीडियो को हटाने के लिए उसका फोन जब्त कर लिया गया।
इजरायल-हमास युद्ध से मुश्किल में सऊदी
गौरतलब है इजरायल और हमास के बीच युद्ध ने सऊदी अरब को चुनौतीपूर्ण स्थिति में खाड़ा कर दिया है। इजरायल और हमास के बीच चल रहा तनाव सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) के लिए एक जटिल चुनौती पेश करता है। गाजा में बढ़ती हिंसा, इजरायल के साथ संबंधों को सामान्य बनाने और सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था के विविधीकरण को बढ़ावा देने के मोहम्मद बिन सलमान के प्रयासों के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा है। 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमास के हमले के पीछे सऊदी अरब-इजरायल संधि को एक प्रमुख वजह माना गया था।
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