बिना किसी अधिकार के धड़ल्ले से खान-पान व सौंदर्य प्रसाधन के उत्पादों को अवैध ढंग से ‘हलाल सर्टिफिकेट’ देने के काले कारोबार पर उत्तर प्रदेश में प्रतिबंध भी लग सकता है। मजहब की आड़ लेकर एक धर्म विशेष को बरगलाने और अन्य धर्मों के बीच विद्वेष भड़काने की इस नापाक कोशिश का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया है और कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। आशंका है कि कूटरचित दस्तावेजों का सहारा लेकर हलाल सर्टिफिकेट के नाम पर इकट्ठा हो रही अवैध कमाई से आतंकवादी संगठनों व राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को फंडिंग की जा रही है। वहीं अब लखनऊ कमिश्नरेट में FIR भी दर्ज की गई है।
दर्ज हुई FIR के मुताबिक हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड चेन्नई, जमीयत उलेमा हिन्द हलाल ट्रस्ट दिल्ली, हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया मुम्बई, जमीयत उलेमा महाराष्ट्र मुम्बई आदि द्वारा एक मुसलमानों को मजहब के नाम से कुछ उत्पादों पर हलाल प्रमाणपत्र प्रदान कर उनकी ब्रिकी बढ़ाने के लिए आर्थिक लाभ लेकर अवैध कारोबार चलाया जा रहा है।
हिन्दू महासभा ने इसे बताया गहरी साजिश
हलाल सर्टिफिकेशन को हिंदू महासभा ने गहरी साज़िश का हिस्सा बताया है। हिंदू महासभा के प्रवक्ता ने एक बयान जारी कर केंद्र व राज्य सरकार से इस पूरी प्रक्रिया की जांच करने की मांग की है। हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शिशिर चतुर्वेदी का कहना है कि हलाल सर्टिफिकेशन देने की प्रक्रिया इस्लामिक समुदाय के चुनिंदा नुमाइंदों ने अपने हाथ में ले रखी है। जिसके एवज में राष्ट्रीय व बहुराष्ट्रीय कंपनियों से एक मोटी रकम ली जाती है। फिर उनके उत्पाद की पैकिंग पर हलाल का बेंचमार्क लगा दिया जाता है। इससे कथित तौर पर उत्पाद की बिक्री को बढ़ावा मिलता है।
हिंदू महासभा का आरोप है कि हलाल सर्टिफिकेशन देने के एवज में ली गई रकम का इस्तेमाल ISIS, SIMI, लश्कर जैसे आतंकी संगठन और तमाम पर्दे के पीछे के इस्लामिक चरमपंथी संगठनों की वित्तीय सहायता के लिए किया जाता है। जिनके द्वारा जेहाद को बढ़ावा देकर भारत में अस्थिरता पैदा करने की साज़िश रची जा रही है। संगठन के प्रवक्ता ने कहा कि वो केंद्र व राज्य सरकार को पत्र लिखकर इस पूरी प्रक्रिया की जांच कराने और हलाल सर्टिफिकेशन पर रोक लगाने की मांग करेंगे।
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