उत्तर प्रदेश की योगी सरकार समस्त विभागों को मुनाफे में लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। 2017 में सरकार बनते ही CM योगी ने इसके निर्देश दीये थे। अब CM योगी आदित्यनाथ की सीधी नज़रों ने कई विभागों को घाटे के दलदल से निकालना शुरू कर दिया है। वहीं, पिछली सरकारों में घाटे में चल रहे प्रदेश के विभिन्न विभागों को सरप्लस रेवेन्यू वाला विभाग बनाने के लिए योगी सरकार लगातार कदम उठा रही है। योगी सरकार की ये पहल रंग भी लाना शुरू कर चुकी है। परिवहन निगम भी अब कमाई कर रहा है।
बता दें उत्तर प्रदेश में जहां 2017 से पहले कई विभाग घाटे में चल रहे थे, वहीं आज वह न केवल घाटे से उबरे हैं बल्कि सरप्लस रेवेन्यू वाले डिपार्ट्मन्ट बनकर सामने आए हैं। इसी के तहत समय-समय पर उत्तर प्रदेश परिवहन निगम रेवेन्यू कलेक्शन, बिना टिकट व बुकभार यात्रा करने वालों के खिलाफ जांच अभियान चलाता रहता है। ऐसे में उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के प्रवर्तन कार्मिकों द्वारा अक्टूबर में चेकिंग की गयी, जिसमें विभाग को केवल एक माह में 32 लाख 58 हजार 385 रुपये का रेवेन्यू प्राप्त हुआ।
1 लाख से अज्यादा बार बसों की जांच की गयी
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रधान प्रबन्धक (कार्मिक) अशोक कुमार ने जानकारी दी कि CM योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप परिवहन निगम को घाटे के दलदल उबारने के लिए कई अहम कदम उठाए गए हैं। इससे निगम ने पिछले 6.5 वर्षों में काफी लाभ अर्जित किया है। इसके लिए मुख्यालय स्तर से गठित सूमो चालाक दल एवं इन्टरसेप्टर के माध्यम से समय-समय पर परिवहन निगम की बसों की नियमित जांच की जाती है। ऐसे में अक्टूबर में परिवहन निगम द्वारा संचालित बसों की 1,16,834 बार जांच की गयी। जांच के दौरान कुल 4901 यात्री बिना टिकट यात्रा करते पाये गये जबकि 172.4 टन बिना बुक भार पकड़ा गया है। जांच दल द्वारा की गई कार्यवाही से विभाग को 32 लाख 58 हजार 385 रुपये वसूले गये। इस दौरान 8,420 चालकों, परिचालकों का एल्कोहल टेस्ट भी किया गया।
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