Ayodhya News: अयोध्या
में राम मंदिर के गर्भगृह में स्थापित होने वाली रामलला की प्रतिमा पर आज शुक्रवार
को अंतिम निर्णय लिया जाएगा। बता दें कि रामलला की 3 मूर्तियां रामसेवकपुरम में तैयार
की गई हैं। इनमें से एक प्रतिमा को स्थापित करने के लिए चुना जाना है। जिसका
निर्णय श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों के बहुमत के आधार पर लिया
जाएगा। प्राण-प्रतिष्ठा के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विशेष रूप से शामिल
रहेंगे।
ट्रस्ट
के 15 सदस्य मिलकर कर रहे प्रभु श्रीराम की मूर्ति का चयन
राम
मंदिर के गर्भगृह में स्थापित होने वाली मूर्ति के चयन के लिए श्री राम जन्मभूमि
तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों के बीच बीते 2 दिनों से बैठक चल रही है। आज शुक्रवार
को ट्रस्ट की बैठक का दूसरा दिन है। ट्रस्ट के कुल 15 सदस्यों में से 10 सदस्य बैठक
में हैं, जबकि ट्रस्ट अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास,
के. पराशरण समेत
5 सदस्य ऑनलाइन बैठक में जुड़े हैं।
30
दिसंबर को पीएम मोदी के अयोध्या आने से पहले होगा मूर्ती का चयन
सूत्रों
से मिली जानकारी के अनुसार प्रतिमा के चयन के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र
ट्रस्ट 2 दिनों से बैठक कर रहा है। इस दौरान सभी सदस्य मंदिर परिसर से 3 किमी दूर
रामसेवकपुरम जाएंगे। वहां 3 मूर्तिकारों द्वारा बनाई गई अलग-अलग मूर्तियों को लेकर
निर्णय लिया जाना है। 30 दिसंबर यानी कल पीएम मोदी का अयोध्या पहुंचने का दौरा
पहले से निर्धारित हैं। इसलिए आज प्रतिमा पर अंतिम निर्णय हो जाएगा। बीते बुधवार
को ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने इसको लेकर कहा था कि भगवान राम की 51 इंच ऊंची
मूर्ति के तीन डिजाइनों में से चुनी जाएगी। उन्होंने कहा था कि जिस प्रतिमा में
दिव्यता होगी और प्रतिमा के चेहरे पर बालक जैसा भाव होगा। हम उसी प्रतिमा का चयन करेंगे।
कर्नाटक
और राजस्थान के पत्थरों से बनाई गईं मूर्तियां
कर्नाटक
के दो और राजस्थान के एक पत्थर से कुल तीन मूर्तियों बनाई गई हैं। कर्नाटक से डॉ.
गणेश भट्ट, जयपुर से कलाकार
सत्यनारायण पांडे और कर्नाटक के अरुण योगीराज ने 3 मूर्तियां तैयार की हैं। कर्नाटक
के पत्थर की मूर्तियां का रंग श्याम हैं, तो राजस्थान की सफेद
संगमरमर की है। मूर्तिकार गणेश भट्ट कर्नाटक प्रदेश में कई अवॉर्ड पा चुके है।
गणेश भट्ट 1000 से ज्यादा मूर्तियों बना चुके हैं। उनके द्वारा बनायी गई मूर्तियां सिर्फ भारत में
ही नही.बल्कि अमेरिका, इटली, ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस में लगाई जा चुकी हैं। दूसरे जयपुर के
कलाकार सत्यनारायण पांडे का परिवार 7 दशकों से संगमरमर की मूर्तियां बनाने का काम
कर रहा है। उन्होंने मकराना के श्वेत संगमरमर से रामलला की मूर्ति बनाई है। 37 साल
के तीसरे मूर्तिकार अरुण योगीराज मैसूर महल के कलाकारों के परिवार से हैं। इन्होंने
कर्नाटक के पत्थर से रामलला की मूर्ति बनाई है। इनके द्वारा शंकराचार्य की प्रतिमा
बनाई गई थी। जिसको केदारनाथ
में स्थापित किया गया है।