Lucknow- शनिवार को लखनऊ में तापमान 16 डिग्री पहुंच
गया है। सुबह के वक्त पछुआ हवाओं ने शहर को अपनी गिरफ्त में ले लिया। सड़कों पर लोग
कम ही दिखाई दे रहे हैं। जो दिखाई दे भी रहे हैं, वह ठंड से कंपकपाते हुए मिल रहे
हैं। शुक्रवार की रात्रि से ही तापमान 16
से 10 डिग्री तक गिरने से सड़कों पर घना कोहरा और सन्नाटा फैला हुआ है।
पछुआ हवाओं ने लिया लखनऊ शहर को अपनी चपेट में
लखनऊ शहर पूरी तरह से पछुआ हवाओं के कारण ठंड और घने कोहरे
की टपेट में आ गया है। घने कोहरे और कंपकपा देने वाली ठंड की शुरुआत हो चुकी है।
सुबह के वक्त शहर की गोमती नदी के करीब बने हनुमान सेतु मंदिर में श्रद्धालुओं की
भीड़ में कमी देखी गयी। हजरतगंज के हनुमान मंदिर और मनोकामना हनुमान मंदिर में भी श्रद्धालुओं
की संख्या कम रही। स्कूलों के लिए सुबह सवेरे बसों में स्कूली बच्चे भी ठंड से कांपते
पाए गए। कांपते लोग भीड़ वाले चौराहों पर ठेले-खुमचे वालों के पास कोयले की आग सेंकते
हुए मिले।
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कुड़िया घाट स्थित मंदिर क्षेत्र में नहीं
किए गए अलाव की व्यवस्था के इंतजाम
मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार आने वाले जनवरी माह
में यह कंपकपाने वाली ठंड जारी रहेगी। रोजमर्रा के जन-जीवन पर इसका खासा प्रभाव
देखने में आयेगा। कोहरे के प्रभाव और हवाओं से बढ़ी कंपकंपी से लखनऊ और आसपास के
जिले में मौसम काफी ठंडा रहेगा। तापमान में गिरावट होने से सामान्य नागरिकों को अलाव की
आवश्कता है। लोगों ने अलाव की मांग की है। इनमें गोमती नदी के किनारे शनिदेव मंदिर
के पुजारी पम्मी गुरु भी शामिल हैं। उनका कहना है कि उनके
क्षेत्र में बीते कुछ वर्षों से समाजसेवी लोगों ने अलाव की व्यवस्था की है। वहीं जिला
प्रशासन ने कुड़िया घाट स्थित मंदिर क्षेत्र में कभी भी अलाव की व्यवस्था के
इंतजाम नहीं किए।
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शहर के रैन बसेरों में बढ़ी गरीबों की
संख्या
सड़कों पर खुले आसमान के नीचे सोने वालों के बुरे हाल हैं। हांड
कंपा देने वाली इस ठंड में लोगों ने रैन बसेरों का रुख किया है। पहले की तुलना में
रैन बसेरों की संख्या में भले ही इजाफा हुआ है, बावजूद इनकी संख्या में अभी काफी
कमी है। इसी दौरान आलमबाग में सिंधी समाज के लोगों और समाजसेवी संस्थाओं ने गरीबों
की तरफ मदद का हाथ बढ़ाया है।