Varanai News:- ज्ञानवापी परिसर से संबंधित एएसआई की सीलबंद सर्वे रिपोर्ट को
सार्वजनिक नहीं किया जाएगा। सर्वे रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के मामले में जिला
अदालत से आदेश आ गया है। जिसमें कहा गया है कि रिपोर्ट को 24 जनवरी तक सार्वजनिक नहीं किया जाएगा। वाराणसी
जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने एएसआई का आवेदन स्वीकार कर लिया है,
जिसमें टीम ने चार सप्ताह तक रिपोर्ट सार्वजनिक न करने की अपील की थी।
बताते
चलें कि एएसआई ने जिला जज की अदालत में आवेदन देकर कहा था कि 4 सप्ताह तक सर्वें
रिपोर्ट सार्वजनिक न की जाए। क्योंकि इलाहबाद हाईकोर्ट ने वर्ष 1991 के लंबित वाद
लार्ड विश्वेश्वर मामले में भी सर्वें रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। ऐसे में
द्वितीय प्रति तैयार करने में समय लगेगा। इसलिए समय दिया जाए और रिपोर्ट सार्वजनिक
न की जाए। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की
अदालत में दो सील बंद लिफाफों में ज्ञानवापी की सर्वे रिपोर्ट दाखिल की है।
रिपोर्ट की मांग हिंदू के साथ ही मुस्लिम पक्ष ने भी की है। हिंदू पक्ष ने रिपोर्ट
की प्रति तत्काल दिए जाने का अनुरोध किया था। मुस्लिम पक्ष ने पहले आपत्ति जताई थी, फिर ईमेल आईडी देकर रिपोर्ट मांगी है।
हाईकोर्ट
के आदेश के बाद एएसआई ने मांगा था समय
दिसम्बर के तीसरे हफ्ते में एएसआई ने श्रृंगार गौरी
नियमित दर्शन मामले में अपनी रिपोर्ट जिला जज को सील बन्द लिफाफे में सौंपी थी।
इसी बीच 1991 के आदिविश्वेश्वर
विराजमान मामले में भी हाई कोर्ट ने ज्ञानवापी के सर्वे का आदेश दे दिया। हाई
कोर्ट ने स्पष्ट रूप से आदेश में कहा कि इसी नेचर के अन्य केस श्रृंगार गौरी
नियमित दर्शन मामले में हुए सर्वे रिपोर्ट को इस मामले में इस्तेमाल किया जा सकता
है। इसी आदेश को लेकर एसएआई ने जिला जज वाराणसी के कोर्ट में चार हफ्तों तक
रिपोर्ट सार्वजनिक न करते हुए पक्षकारों को न देने की गुहार लगाई थी। आज इसी मामले में रिपोर्ट पर रोक लगाते हुए अगली सुनवाई 24 जनवरी तय कर दी।