दुनिया भर में हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देने के लिए प्रति वर्ष 10 जनवरी को विश्व हिन्दी दिवस मनाया जाता है। हिन्दी हम भारतीयों के लिए पहचान मात्र नहीं है ये हमारे जीवन मूल्यों, संस्कृति एवं संस्कारों की परिचायक भी है। बहुत सरल, सहज और सुगम भाषा होने के साथ हिंदी विश्व की संभवतः सबसे वैज्ञानिक भाषा है जिसे विश्व भर में समझने, बोलने और चाहने वाले लोगों की बहुत बड़ी संख्या है। हिन्दी विश्व में तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। हिंदी भारत की राजभाषा होने के साथ ही 11 राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों की भी प्रमुख राजभाषा है। संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल अन्य 21 भाषाओं के साथ हिंदी का एक विशेष स्थान है।1200BC के आस पास हुई थी हिन्दी की उत्पत्ति
ऐसा माना जाता है कि संस्कृत के विकास के साथ हिंदी की उत्पत्ति लगभग 1200BC में हुई थी। समय के साथ इसकी कई बोलियां अवधी, ब्रजभाषा, बुन्देलखंडी, भोजपुरी और राजस्थानी विकसित हुईं, जिनमें आधुनिक हिंदी भी एक है। वहीं 1000BC के आसपास हिंदी का लिखित रूप देवनागरी लिपि में सामने आना शुरू हुआ था।
दुनिया में 100 करोड़ से ज्यादा हिन्दी भाषी
आज दुनियाभर में 100 करोड़ से ज्यादा लोग हिंदी बोल या समझ लेते हैं। इससे हिन्दी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान बनाने में कामयाब हुई है। यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त सात भाषाओं में से हिन्दी भी एक है। इसके साथ ही हिन्दी अब सिर्फ भाषा ही नहीं रही बल्कि एक बाज़ार बन चुकी है जिसमें साहित्य से लेकर टीवी और फिल्म जैसे बड़े कारोबार शामिल हैं।
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यह भी सच है कि आजादी के बाद से हिन्दी का प्रचार-प्रसार लगातार बढ़ता ही जा रहा है। बावजूद इसके हिन्दी अभी तक राष्ट्रभाषा का दर्जा नहीं पा सकी है। हिन्दी के पक्ष में तमाम तर्कों के बावजूद एक कड़वा सच यह भी है कि देश में तकनीकी और आर्थिक समृद्धि के साथ-साथ अंग्रेजी ने पूरे देश को अपने कब्जे में कर लिया है।
सरकारी और संस्थागत प्रयासों से हिन्दी को लेकर लोग गंभीर हुए
हिन्दी, देश की राजभाषा होने के बावजूद देशभर में अंग्रेजी की पैठ मजबूत है। हिन्दी जानते हुए भी ज्यादातर लोग हिन्दी में बोलने, पढ़ने या काम करने में हिचकिचाते है। हालांकि सरकारी और संस्थागत प्रयासों की वजह से बीते कुछ दशकों में, भारत और दुनिया में हिन्दी को लेकर लोग गंभीर हुए हैं।
आज हिंदी भारत के अलावा नेपाल, गुयाना, त्रिनिडाड और टोबैगो, सूरीनाम, फिजी और मॉरीशस आदि देशों में भी बोली जाती है। हिंदी और नेपाली एक ही देवनागरी लिपि में लिखी जाती है। हिंदी भाषा उच्चारण पर आधारित है इसका अर्थ है कि यह जैसे बोली जाती है, वैसे ही लिखी जाती है। वहीं आपको बता दें कि दक्षिण महासागर के मेलानेशिया के फिजी में हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया गया है।
तकनीकी क्षेत्र में हिन्दी ने किया प्रसार
वहीं हिन्दी भाषा के तकनीकी क्षेत्र में बात की जाए तो गूगल के अनुसार अब इंटरनेट पर भी हिंदी का उपयोग लगातार बढ़ा है। पिछले कुछ समय में हिंदी के वेब पोर्टल अधिक बने हैं तभी से इंटरनेट पर हिंदी ने अपनी छाप छोड़नी शुरू कर दी है। वहीं एक रिपोर्ट के अनुसार अनेको वेबसाइट रोजाना हिंदी भाषा में बन रही हैं। उसपर छपने वाले लेख हिन्दी पर आधारित हैं जिससे हिन्दी की व्यापकता बढ़ी है। तथा हिंदी उन सात भारतीय भाषाओं में से एक है जिसका उपयोग वेब URL बनाने के लिए किया जा सकता है।
वैसे, आज सोशल मीडिया के टूल्स और नए-नए तकनीकों में हिन्दी का प्रयोग बहुत बढ़ा है। तमाम वैश्विक चुनौतियों के बावजूद हिन्दी अखबारों के प्रसार में भी तेजी से बढ़ोतरी हुई है। इंस्टाग्राम, फेसबुक से लेकर X पर हिन्दी कंटेन्ट करोड़ों लोगों द्वारा देखे, पढ़े और लिखे जा रहे हैं। आज जरूरत है ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस माध्यम में जोड़ने की ताकि हिन्दी को सिर्फ भावनात्मक समर्थन ही नहीं, बल्कि ऐसे उपयोगी और वास्तविक समर्थन मिले जो इसकी दशा और दिशा को तय करने में कारगर साबित हो।