नई दिल्ली: कांग्रेस द्वारा राम मंदिर ‘प्राण प्रतिष्ठा’ के निमंत्रण को अस्वीकार करने पर बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास इस बार मौका था। वह अपने आप को बदल कर दिखा सकते थे। परंतु कांग्रेसियों ने इस बार भी वही किया जो पहले से करते आए हैं। आज रामराज्य की प्राण प्रतिष्ठा का श्रीगणेश हो रहा है, लेकिन कांग्रेस उसके पक्ष में नहीं है। इससे साफ है कि गांधी जी की कांग्रेस और नेहरू की कांग्रेस में बहुत अंतर है। सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि इससे कांग्रेस के अंदर हिंदू धर्म के प्रति जो विरोध है वो दर्शाता है।
बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने आगे कहा कि जब सोमनाथ मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हो रही थी, तो जवाहरलाल नेहरू जी ने 24 अप्रैल, 1951 को उस समय सौराष्ट्र के प्रमुख को लिखा था कि ‘इस कठिन समय में इस समारोह के लिए दिल्ली से मेरा आना संभव नहीं है। मैं इस पुनरुत्थानवाद से बहुत परेशान हूं, मेरे लिए बहुत कष्टकारक है कि मेरे राष्ट्रपति, मेरे कुछ मंत्री और आप सोमनाथ के इस समारोह से जुड़े हुए हैं और मुझे लगता है कि ये मेरे देश की प्रगति के अनुरूप नहीं है, इसके परिणाम अच्छे नहीं होंगे।’
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वहीं, पटना में पूर्व केंद्रीय मंत्री व भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस द्वारा राम मंदिर ‘प्राण प्रतिष्ठा’ का निमंत्रण अस्वीकार करना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण, पीड़ादायक और शर्मनायक है। इन्होंने सदैव राम जन्मभूमि का विरोध किया है। कांग्रेस पार्टी ने देश में राज किया था, फिर भी आज कहां सिमट गई है? आगे चुनाव में भी इनका सूपड़ा साफ होगा। रवि शंकर प्रसाद ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि यह कोई संघ का कार्यक्रम है? यह राष्ट्र का कार्यक्रम है और पूरी दुनिया इसकी प्रतीक्षा कर रही है।