Uttar Pradesh News- मेरठ में भाजपा सरकार के मंत्री को
जिंदा जलाने का बयान देने के मामले में सपा नेता मुकेश
सिद्धार्थ जेल में बंद है। मुकेश सिद्धार्थ ने हाल ही में यूपी के ऊर्जा राज्य
मंत्री सोमेंद्र तोमर को जिंदा जलाने का बयान दिया था। यह बयान सपा नेता को भारी
पड़ गया है, अब जिला प्रशासन ने इस बयान को लेकर सपा नेता मुकेश सिद्धार्थ पर
रासुका लगा दी है। जिलाधिकारी
दीपक मीणा ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।
मेरठ नगर निगम में बीते दिनों पार्षदों की बोर्ड बैठक हुई थी। इस बैठक में
पार्षदों के साथ मारपीट के मामले में अनुसूचित जाति के लोगों ने कलेक्ट्रेट का
घेराव किया था। घेराव के समय सपा नेता व पूर्व दर्जा राज्य मंत्री मुकेश सिद्धार्थ
ने भाजपा सरकार के राज्य मंत्री सोमेंद्र तोमर को जिंदा जला देने का बयान दिया था।
उनके इस बयान के बाद सिविल लाइंस पुलिस ने सपा नेता पर गंभीर धाराओं में अभियोग
पंजीकृत कर लिया था।
इसके बाद 7 जनवरी को मुकेश सिद्धार्थ को पुलिस ने दिल्ली से
गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। उसी समय प्रशासन ने सपा नेता पर रासुका
लगाने की बात कही थी। अब जिलाधिकारी दीपक मीणा ने सपा नेता पर राष्ट्रीय सुरक्षा
कानून (रासुका) लगाने का आदेश जारी कर दिया है।
रासुका लगाने पर महापंचायत बुलाने का ऐलान
सपा नेता के बयान के बाद उन पर पहले ही रासुका के तहत
कार्रवाई होनी तय हो गई थी। इसकी आंशका होने पर अनुसूचित जाति के लोगों ने पहले ही
महापंचायत बुलाने की घोषणा की थी। रासुका लगने से पूर्व शनिवार को ही अनुसूचित
जाति के लोगों ने जिलाधिकारी से मिलकर प्रशासन पर एक-तरफा कार्रवाई करने का आरोप
लगाया था। अनुसूचित जाति के लोगों ने उस समय डीएम से रासुका नहीं लगाने की मांग की थी, साथ ही उन्होंने धमकी दी थी कि यदि मुकेश सिद्धार्थ पर रासुका लगाई गई तो वे महापंचायत बुलाएंगे।
क्या
है रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून)
रासुका या एनएसए का पूरा नाम राष्ट्रीय सुरक्षा कानून
(नेशनल सिक्योरिटी एक्ट) है। जो 23 सितंबर, 1980 को अस्तित्व में आया था। इसमें
व्यक्ति को बिना चार्जशीट अधिकतम एक साल जेल में रखा जा सकता है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम-1980, देश की सुरक्षा के लिए सरकार को अधिक
शक्ति देने से संबंधित एक कानून है। जब सरकार को लगता है कि किसी व्यक्ति से देश
की सुरक्षा पर बात आ सकती है तो ऐसे व्यक्ति को रासुका के तहत गिरफ्तार किया जा
सकता है। इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति कानून व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने में
बाधा डालेगा, तो उस पर भी सरकार रासुका लगा सकती है।