Gut Health: कोविड-19का संक्रमण बेहद खतरनाक होता है। ये हमारे शरीर के लिए काफी घातक होता है। एक स्टडी के अनुसार, कोविड के संक्रमण का बुरा असर गट हेल्थ पर भी पड़ता है। इसका प्रभाव इतना खतरनाक होता है कि कोविड संक्रमण के एक साल तक रहता है। इसलिए सावधानी बरतते हुए अपनी गट हेल्थ का ख्याल रखें। ताकि आपका स्वास्थ्य ठीक रहे। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि पाचन की समस्याओं को कैसे कम कर सकते हैं।
कोविड-19 जैसी महामारी का नाम सुनते ही हर किसी की रूह कांप जाती है, अभी भी इस बीमारी का खतरा टला नहीं है। क्योंकि इसके नए वेरिएंट्स और बढ़ते मामले संक्रमण को और भी ज्यादा बढ़ा रहे हैं। यही कारण है कि इसके नए वेरिएंट JN.1 से कई लोग प्रभावित भी हुए हैं, हालांकि, कोविड से जुड़ी परेशानियां एक अलग ही चिंता का विषय है। इस वायरस के कारण हमारे फेफड़े ही नहीं, बल्कि हमारे शरीर के कई वाइटल ऑर्गन्स भी प्रभावित होते हैं, लेकिन कोविड-19 से सेहत को कितना नुकसान पहुंच रहा है, इसके बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है। हालांकि, इससे धीरे-धीरे हो रहे नुकसान सामने देखने को मिल रहे हैं।
क्या पाया गया स्टडी में?
ताजा स्टडी के अनुसार, कोविड वायरस से हमारी पाचन क्रिया पर गहरा प्रभाव पड़ता है, साउथ मेडिकल यूनिवर्सिटी इन चाइना और यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया की टीम ने मिलकर इस स्टडी के लिए तीन ग्रुप बनाए, जिनमें एक प्री कोविड इन्फेक्शन, पोस्ट कोविड इन्फेक्शन और कन्टेम्प्रररी ग्रुप शामिल किए गए। तो वहीं बीएमसी जर्नल की स्टडी से पता चला है कि जो लोग कोविड-19 से माइल्ड या सीवियर तौर पर संक्रमित हुए थे, उनमें गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिजीज का खतरा देखने को मिला था। इतना ही नहीं, इससे संक्रमण के एक साल के फॉलो अप के बाद भी पाचन तंत्र से होने वाली परेशानियां कम होती नजर नहीं आई। तब जाकर कोविड के लॉन्ग टर्म इफेक्ट और पाचन विकारों के दिक्कतों का पता चल सका।
ऐसे रखें गट हेल्थ का ख्याल
इस ताजा स्टडी से साफ जाहिर हो रहा है कि कोविड-19 से संक्रमित हुए लोगों को इस बीमारी से ठीक होने के बाद भी अपने पाचन तंत्र का काफी ख्याल रखने की जरूरत है। ताकि संक्रमण से होने वाली समस्याओं से खद को बचाया जा सके।
प्रोबायोटिक्स
प्रोबायोटिक्स हमारे पाचन तंत्र के लिए बेहद लाभदायक होते हैं। ये एक लाइव माइक्रोब्स होते हैं, जो गट माइक्रोबायोम को हेल्दी रखने में हमारी मदद करते हैं, ये पाचन तंत्र के लिए बेहद जरूरी होते हैं। गट माइक्रोबायोम की गड़बड़ी से पाचन तंत्र में समस्याएं आनी शुरू हो सकती हैं। इसलिए अपनी डाइट में प्रोबायोटिक्स से भरपूर फूड आइटम्स को जरूर शामिल करें, जो स्वास्थ्य को हेल्दी बनाए रखे।
फाइबर से भरपूर खाना
फाइबर पाचन क्रिया के लिए काफी आवश्यक होता है। यह आंतों में खाने को मूव करने और अब्जॉर्प्शन की प्रक्रिया को स्वस्थ बनाने के लिए जरूरी होते हैं। इसलिए अपनी डाइट में फाइबर युक्त फूड आइटम्स को शामिल करें, अगर आप साबुत अनाज, फल आदि का अपनी डाइट में इस्तेमाल करें तो ज्यादा बेहतर होगा।
बिना सलाह के एंटी-बायोटिक्स न लें
कई बार तो हम बिना डॉक्टर की सलाह लिए एंटी-बायोटिक्स की दवाएं खा लेते हैं, जो हमारे गट माइक्रोबायोम को नुकसान पहुंचा सकता है। एंटी-बायोटिक्स गुड और बैड सभी बैक्टीरियाज को खत्म कर देते हैं, जिससे गट हेल्थ प्रभावित हो सकती है। बेहतर होगा कि बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी दवाओं का सेवन न करें।
स्मोकिंग न करें
अगर आप स्मोकिंग करते है तो ये आपकी सेहत के लिए बहुत घातक होगा। क्योंकि ये दिल और फेफड़ों के साथ-साथ पाचन तंत्र को भी नुकसान पहुंचाता है। साथ ही ये गट में मौजूद गुड बैक्टीरियाज को भी नुकसान पहुंचाता है।
कुछ इस तरह से स्ट्रेस को करें मैनेज
दिमाग और गट हेल्थ आपस में जुड़े होते हैं। इसलिए अगर आप स्ट्रेस लेते है तो इससे गट हेल्थ पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता हैं। इस कारण से स्ट्रेस की वजह से पाचन से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं। बेहतर होगा कि आप स्ट्रेस लेने से बचें और खुश रहें।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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